अबू आजमी की पीएम मोदी से अपील: ‘मुसलमानों को न सौगात दें न नौकरी’

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक अबू आजमी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना ‘सौगात-ए-मोदी’ पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब तक मुसलमानों को उनके संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जाते, तब तक ऐसी सौगातों का कोई मायने नहीं है। उनका कहना है कि मुसलमानों को केवल सम्मान दिया जाए, क्योंकि अगर उनके अधिकारों का हनन जारी रहेगा तो ये सब बेमानी होगा।

अबू आजमी ने प्रधानमंत्री की योजना ‘सौगात-ए-मोदी’ पर तंज करते हुए कहा कि मुसलमानों को उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है और इन सौगातों का कोई मूल्य नहीं है। उन्होंने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “मुझे हंसी आ रही है कि सौगात-ए-मोदी दी जा रही है, लेकिन मुसलमानों का हक छीना जा रहा है।”

मुसलमानों के अधिकारों का उल्लंघन

अबू आजमी ने कहा कि देश में मुसलमानों के अधिकारों का खुलकर उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने मस्जिदों में घुसकर मुसलमानों पर किए जा रहे हमलों और गाय के नाम पर हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि देश में मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। नागपुर में हाल ही में हुई एक घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक मुसलमान को बिना किसी कारण मार दिया गया।

उन्होंने कहा कि यह सब कुछ मुसलमानों के खिलाफ चल रही एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। अबू आजमी ने आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाने का काम कर रही है और इस स्थिति को सुधारने के बजाय सत्ताधारी पक्ष मुसलमानों के अधिकारों पर लगातार हमला कर रहा है।

सौगात की बजाय सम्मान की जरूरत

अबू आजमी ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि मुसलमानों को किसी भी प्रकार की सौगात या नौकरी की जरूरत नहीं है। उनका कहना था, “सौगात मत दीजिए, उसे रख लीजिए, नौकरी भी मत दीजिए, लेकिन मुसलमानों को इज्जत और सम्मान दीजिए। उनके हक को छीना न जाए।” उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मुसलमानों के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की स्थिति पर सवाल

अबू आजमी ने उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की स्थिति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यूपी में मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। “यह कौन सी सुरक्षा है जो मुसलमानों को जुम्मे के दिन बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है? क्या यही सम्मान है?” उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों को वही अधिकार मिलने चाहिए जो संविधान में दिए गए हैं, विशेष रूप से बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में जो अधिकार मुसलमानों को प्राप्त हैं, उन्हें सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

संविधान और समानता की अपील

आखिरकार अबू आजमी ने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा कि अगर किसी समुदाय को सबसे ज्यादा परेशान किया जा रहा है, तो वह मुसलमान ही हैं। उन्होंने सरकार से यह अपील की कि वह मुसलमानों को सौगात देने की बजाय उन्हें बराबरी का दर्जा और संविधान में दिए गए अधिकार प्रदान करे। अबू आजमी ने जोर देकर कहा कि मुसलमानों को उनके मूल अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए ताकि वे समाज में समान रूप से अपनी भागीदारी निभा सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

en_USEnglish