राज्यपाल का बयान: जनसंख्या परिवर्तन एक ‘टाइम बम’

तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने एक हालिया कार्यक्रम में कहा कि असम, पश्चिम बंगाल और पूर्वांचल के इलाकों में पिछले 30–40 वर्षों में जो जनसंख्या परिवर्तन हुए हैं, वे सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए गहरा खतरा हैं। उन्होंने कहा “देश बाहर से नहीं टूटता, यह अंदर से टूटता है – जैसे रोमन साम्राज्य टूटा था। भारत के कुछ हिस्सों में जो डेमोग्राफिक (जनसांख्यिकीय) बदलाव हो रहे हैं, वे एक टाइम बम की तरह हैं।”
उनका कहना है कि इन इलाकों में कुछ “अनियमित और चिंताजनक” जनसांख्यिकीय बदलाव हुए हैं, जिन पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया।

राज्यपाल ने सीधे तौर पर किसी विशेष समुदाय का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान को “धार्मिक जनसंख्या वृद्धि”, अवैध घुसपैठ और पहचान संकट जैसे मुद्दों से जोड़ा जा रहा है। विशेष रूप से:तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने हाल ही में एक बयान में असम, पश्चिम बंगाल और पूर्वांचल (उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों) में जनसंख्या के बदलाव को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे “टाइम बम” करार देते हुए कहा कि यदि इन बदलावों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह देश के लिए आंतरिक रूप से विघटनकारी साबित हो सकते ।हैं जनसंख्या में असंतुलन: पिछले 30–40 वर्षों में इन क्षेत्रों की जनसंख्या में जो परिवर्तन हुए हैं, वे स्वाभाविक नहीं हैं और इनकी अनदेखी खतरनाक हो सकती है।अंदरूनी खतरा: उनका इशारा इस ओर था कि जब देश बाहरी ताकतों से नहीं टूटता, तब भी वह अंदर से सामाजिक और सांस्कृतिक असंतुलन के कारण बिखर सकता है।
भविष्य की चिंता: उन्होंने सवाल उठाया कि अगर मौजूदा रुझान जारी रहे, तो आने वाले 50 वर्षों में इन राज्यों में सामाजिक संरचना और स्थायित्व पर क्या असर पड़ेगा।यह जनसंख्या नीति, धार्मिक और सांस्कृतिक संतुलन से जुड़े विषयों को उठाता है।इस तरह के बयानों का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव भी होता है, खासकर जब इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा” या “अस्मिता” से जोड़ा जाता है।कुछ राजनीतिक और सामाजिक वर्गों ने इसे एक जरूरी चेतावनी बताया है।वहीं, दूसरों ने इसे ध्रुवीकरण और भेदभाव को बढ़ावा देने वाला बताया।

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