उच्चतम न्यायालय मप्र पुलिस पर पिटाई के आरोप वाले पत्रकारों की याचिका पर सुनवाई को तैयार

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को मध्य प्रदेश में पुलिस द्वारा कथित मारपीट के शिकार दो पत्रकारों की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई। इन पत्रकारों ने दावा किया है कि उन्होंने रेत माफिया के खिलाफ रिपोर्टिंग की थी, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें थाने में बुलाकर पीटा।

न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने पत्रकार शशिकांत गोयल और अमरकांत सिंह चौहान की याचिका पर विचार करते हुए मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है और इस मामले पर जवाब मांगा है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने प्रदेश में रेत माफिया की अवैध गतिविधियों को उजागर किया, जिससे नाराज होकर पुलिस ने उन्हें निशाना बनाया। पत्रकारों के मुताबिक, उन्हें न केवल धमकाया गया बल्कि एक थाने में बंद कर शारीरिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया।

इस मामले ने पत्रकारिता की स्वतंत्रता और माफियाओं के बढ़ते प्रभाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस याचिका पर सुनवाई को हरी झंडी मिलने से पीड़ित पत्रकारों को न्याय की उम्मीद मिली है। अब अदालत इस संवेदनशील मामले पर अगली सुनवाई में मध्य प्रदेश सरकार के जवाब को देखेगी और आगे की कार्यवाही तय करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

en_USEnglish