बच्चों की सेहत आजकल एक बड़ी चिंता का विषय बनती जा रही है,

द मीडिया टाइम्स डेस्क 

बच्चों की सेहत आजकल एक बड़ी चिंता का विषय बनती जा रही है, खासकर डिजिटल गैजेट्स के बढ़ते उपयोग और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण। समर वैकेशन बच्चों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जब वे अपने शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकते हैं। स्वामी रामदेव द्वारा बताए गए कुछ योगासन और आयुर्वेदिक टिप्स अपनाकर आप अपने बच्चे की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

यही वजह है कि बच्चों को लेकर जो रिपोर्ट आ रही है, वो फिक्र बढ़ाती है। देश में 45% बच्चे ओवरवेट हैं, 28% फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं और 67% एक घंटे से भी कम समय बाहर खेलते हैं। यही नहीं, दुनिया के मुकाबले भारत के बच्चों की लंबाई भी घट रही है। मोटापे के मामले में देश के बच्चे दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं। इसके अलावा 30% से ज्यादा की पास की नजर भी कमजोर है। जिस उम्र में शरीर सुपरफिट होना चाहिए, उस उम्र में उन्हें डायबिटीज-हाइपरटेंशन, रूमेटाइड आर्थराइटिस, थायरॉइड जैसी घातक बीमारी हो रही हैं। इसलिए आज हमें बच्चों की न सिर्फ ग्रोथ बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए बल्कि उन्हें इन बीमारियों से भी बचाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि उम्र के साथ बच्चों पर बीमारियों का बोझ न बढ़े। कई स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई हैं, तो इस समर वैकेशन में क्या प्लान बनाएं ताकि बच्चों की हाइट-वेट ही नहीं, ओवरओल ग्रोथ शानदार रहे। आइए स्वामी रामदेव से इसी मुद्दे पर बात करते हैं।

यहां कुछ आसान और प्रभावी टिप्स दिए गए हैं जिन्हें आप अपने बच्चे के रूटीन में शामिल कर सकते हैं:प्राणायाम: अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और कपालभाति जैसे प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं और मानसिक तनाव कम करते हैं।योगासन: ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन और वज्रासन जैसे आसन बच्चों के शरीर को लचीला और मजबूत बनाते हैं।

सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुना पानी पिलाएं, चाहें तो उसमें शहद और नींबू भी मिला सकते हैं।

आंवला, गिलोय या एलोवेरा का रस (उम्र के अनुसार मात्रा में) इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक हो सकता है।स्क्रीन टाइम सीमित करें और बच्चों को बाहर खेलने, दौड़ने या साइकलिंग के लिए प्रेरित करें।बच्चों के आहार में फल, सब्जियां, सूखे मेवे, और घर का बना पौष्टिक खाना शामिल करें।जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक्स से दूर रखें।बच्चे की नींद पूरी होनी चाहिए (कम से कम 8-10 घंटे), जिससे उनका शरीर और दिमाग दोनों स्वस्थ रहें।

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