जम्मू-कश्मीर का पर्यटन विभाग पारंपरिक पर्यटन स्थलों के अलावा ऑफबीट स्थलों को विकसित करेगा

जम्मू-कश्मीर का पर्यटन विभाग पारंपरिक पर्यटन स्थलों के अलावा ऑफबीट और कम खोजे गए स्थलों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसका उद्देश्य पर्यटकों को नए अनुभव प्रदान करना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।

इन ऑफबीट स्थलों में पहाड़ी गाँव, एडवेंचर टूरिज्म, इको-टूरिज्म और धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर वाले स्थान शामिल हो सकते हैं। इसके तहत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने, होमस्टे सुविधाओं को बढ़ावा देने, ट्रेकिंग रूट्स विकसित करने और स्थानीय समुदायों को पर्यटन से जोड़ने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।

गुरेज, केरन, बुंगस, तोसामैदान, अहरबल, दूधपथरी, मचैल, भद्रवाह, सुकराला माता और पंचैरी जैसे स्थलों को विकसित करने पर काम कर रहा है। यह जानकारी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बजट सत्र में दी।

उन्होंने कहा, सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने पर काम कर रही है। हमारा फिलहाल पर्यटन बोर्ड बनाने को कोई प्रस्ताव नहीं है। विधायक अली मोहम्मद सागर के सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि श्रीनगर शहर में धार्मिक और पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने को प्राथमिकता दी जा रही है।

इन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि पर्यटन जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह क्षेत्र होटल कर्मचारियों, टूर ऑपरेटरों, टैक्सी चालकों और स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आजीविका के अवसर प्रदान करता है। हमारा ध्यान पर्यटन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, पर्यटकों के अनुभव को बढ़ाने और इस क्षेत्र में निरंतर विकास सुनिश्चित करने पर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

en_USEnglish