जेएसी बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का बयान:

 

हाल ही में आयोजित जेएसी (जॉइंट एक्शन काउंसिल) की बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान आबादी के हिसाब से परिसीमन (reapportionment) नहीं किया जाना चाहिए। स्टालिन ने इस मुद्दे को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि परिसीमन से कई राज्य और समुदायों को नुकसान हो सकता है, खासकर उन राज्यों के लिए जो पहले से ही जनसंख्या नियंत्रण में संघर्ष कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि परिसीमन की प्रक्रिया को वर्तमान जनसंख्या के आधार पर किया गया, तो यह तमिलनाडु जैसे राज्य के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। तमिलनाडु ने लंबे समय से जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में कार्य किया है, और यदि परिसीमन इस आधार पर हुआ तो राज्य को प्रतिनिधित्व में कमी का सामना करना पड़ सकता है।

एम.के. स्टालिन ने यह तर्क भी दिया कि परिसीमन का निर्णय केवल जनसंख्या के आंकड़ों पर आधारित नहीं होना चाहिए, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि यदि केवल जनसंख्या को आधार बनाया जाएगा, तो कई कमजोर और पिछड़े समुदायों की आवाज दब सकती है, जो लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर इस पर विरोध जताने की अपील की और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि किसी भी प्रकार के परिसीमन से पहले राज्य की चिंताओं का समाधान किया जाए।

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