गोवा के एक लोकप्रिय बीच-साइड नाइट क्लब में सोमवार देर रात एक बड़ा हादसा हो गया। रात करीब 1:15 बजे क्लब के अंदर तेज धमाका होने से वहां मौजूद सैकड़ों लोग दहशत में आ गए। धमाके की आवाज दूर तक सुनाई दी और कुछ ही सेकंड में क्लब का माहौल हंसी-ठिठोली से चीख-पुकार में बदल गया।
धमाका हुआ और लोगों में मच गई भगदड़
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, क्लब के डांस फ्लोर के पास अचानक जोरदार ब्लास्ट हुआ। ब्लास्ट के बाद कमरे में धुआं तेजी से फैलने लगा, जिससे लोग घबराकर बाहर की ओर भागने लगे। कई लोग गिर पड़े, कुछ लोग उलझ गए और पूरा एरिया एक भयानक अफरातफरी में बदल गया।
क्लब के अंदर से निकलने का मुख्य रास्ता छोटा होने के कारण कई लोग बाहर नहीं निकल पाए और भीड़ एक-दूसरे पर चढ़कर भागने की कोशिश करती रही।
डर के मारे कई लोग बेसमेंट में जा घुसे
घटना के दौरान करीब 20–22 लोग घबराकर क्लब के बेसमेंट की तरफ भागे, यह सोचकर कि वहां सुरक्षित जगह मिल जाएगी। लेकिन बेसमेंट में हवा के निकलने का कोई रास्ता नहीं था। ऊपर फैलता धुआं कुछ ही मिनटों में बेसमेंट में भरना शुरू हो गया।
बेसमेंट में फंसे लोगों के पास न तो बाहर निकलने का रास्ता था और न ही धुएं से बचने का कोई उपाय। दम घुटने से उनमें से 20 की मौके पर ही मौत हो गई।
टॉप फ्लोर पर भी फंसे थे लोग
धमाके के बाद दूसरी मंजिल पर भी कई लोग फंस गए, जहां धुआं जल्दी भरने से स्थिति और गंभीर हो गई। वहां से निकलने के लिए खिड़कियां तोड़ी गईं, लेकिन तब तक कई लोग बेहोश हो चुके थे। बाद में उन्हें बाहर निकाला गया, जिनमें से कुछ की जान बचाई नहीं जा सकी।
अब तक 25 लोगों की मौत की पुष्टि
फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीमों ने करीब दो घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। बाद में अधिकारियों ने बताया कि हादसे में कुल 25 लोगों की मौत हुई है, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है।
धमाके की वजह क्या थी?
प्रारंभिक जांच में ऐसा माना जा रहा है कि
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या तो साउंड सिस्टम के पास इलेक्ट्रिकल शॉर्ट-सर्किट,
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या फिर कूलिंग सिस्टम का कम्प्रेसर फटने के कारण यह धमाका हुआ हो सकता है।
हालांकि, सटीक कारण जानने के लिए क्लब को सील कर दिया गया है और तकनीकी विशेषज्ञ जांच कर रहे हैं।
हादसे पर सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
गोवा प्रशासन ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और जांच के आदेश दे दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी और यह भी जांच होगी कि क्लब के पास फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम थे या नहीं।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
अस्पताल के बाहर पीड़ित परिवारों का दिल दहला देने वाला नजारा देखने को मिला।
कई लोग अपने परिचितों की तलाश में अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं।
किसी का भाई, किसी की बहन, किसी का बेटा—कई परिवार रातों-रात उजड़ गए।
एक चश्मदीद का बयान
एक युवक जो अपने दोस्तों के साथ वहां मौजूद था, उसने बताया:
“ब्लास्ट इतना तेज था कि कुछ समझ नहीं आया। लोग एक-दूसरे को धक्का देकर भाग रहे थे। कुछ ही मिनट में धुआं इतना भर गया कि आंखें भी नहीं खुल रही थीं। अगर मैं बाहर की तरफ नहीं दौड़ता, तो शायद मैं भी बच नहीं पाता।”
सुरक्षा मानकों पर उठे बड़े सवाल
इस हादसे के बाद एक बार फिर गोवा के क्लबों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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क्या क्लब में पर्याप्त फायर एक्सिट थे?
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क्या फायर अलार्म काम कर रहे थे?
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क्या क्षमता से ज्यादा भीड़ मौजूद थी?
इन सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिलेंगे।
गोवा का यह हादसा उन सभी के लिए चेतावनी है जो मनोरंजन स्थलों में सुरक्षा को हल्के में लेते हैं। चंद पलों की लापरवाही ने 25 लोगों की जिंदगी छीन ली और कई परिवारों को हमेशा के लिए दर्द दे दिया।

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