‘होमबाउंड’ फिल्म ने दी आत्मचिंतन की सीख – अभिनेता विशाल जेठवा और ईशान खट्टर

मुंबई: अभिनेता विशाल जेठवा और ईशान खट्टर ने फिल्म ‘होमबाउंड’ को अपने जीवन में एक अहम मोड़ बताया है। दोनों कलाकारों ने कहा कि इस फिल्म ने न सिर्फ उन्हें समाज की सच्चाइयों से रूबरू कराया, बल्कि खुद की पहचान और सामाजिक जिम्मेदारी को समझने का अवसर भी दिया।

फिल्म के निर्देशक नीरज घेवन हैं, जो संवेदनशील और सामाजिक मुद्दों को गहराई से छूने के लिए जाने जाते हैं। ‘होमबाउंड’ की कहानी एक मुस्लिम (ईशान खट्टर) और एक दलित (विशाल जेठवा) बचपन के दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक पुलिस की नौकरी पाने का सपना देखते हैं — एक ऐसी नौकरी जो उन्हें वह इज़्ज़त दिला सकती है, जो उनके सरनेम के कारण उन्हें कभी नहीं मिली।

विशाल जेठवा ने बताया कि यह फिल्म उनके लिए बेहद व्यक्तिगत रही। उन्होंने कहा, “इसने मुझे अपनी सच्ची पहचान को अपनाने और समाज में भाषा के आधार पर होने वाले भेदभाव को समझने में मदद की।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कैसे भारत में भाषा और उच्चारण को लेकर लोगों को जल्दी जज किया जाता है।

वहीं, ईशान खट्टर ने कहा, “फिल्म ने मुझे यह एहसास कराया कि एक कलाकार के तौर पर मेरी सामाजिक जिम्मेदारी भी है। हमें उन कहानियों को चुनना चाहिए जो समाज में बदलाव ला सकें।”

फिल्म में जान्हवी कपूर भी मुख्य भूमिका में हैं। ‘होमबाउंड’ न सिर्फ एक दोस्ती की कहानी है, बल्कि यह जाति, धर्म और पहचान जैसे गहरे सामाजिक मुद्दों पर एक संवेदनशील टिप्पणी भी है।

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