झारखंड को अपूरणीय क्षति: रामदास सोरेन नहीं रहे

15 अगस्त, 2025 को झारखंड ने अपने एक समर्पित, कर्मठ और जनसेवक नेता को खो दिया। राज्य के शिक्षा मंत्री श्री रामदास सोरेन जी का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में 64 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका जाना न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

स्वर्गीय रामदास सोरेन का जीवन संघर्ष, समर्पण और सफलता की एक प्रेरणादायक कहानी है। 1 जनवरी 1961 को जन्मे सोरेन जी ने एक फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन उनका मन समाज सेवा में रमता गया और वे राजनीति में आए। उन्होंने झारखंड के पृथक राज्य आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई और एक सच्चे जननायक के रूप में उभरे।

टेलको के घोड़ाबांधा स्थित उनके आवास से ही उनके राजनीतिक जीवन की नींव रखी गई थी। वहां अनेक ऐतिहासिक बैठकों का साक्षी रहा है उनका घर, जहां दिशोम गुरु शिबू सोरेन और निर्मल महतो जैसे नेताओं के साथ राज्य के भविष्य की रणनीतियाँ बनाई जाती थीं।

उनके करीबी सहयोगी और पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने भावुक होते हुए कहा कि सोरेन जी का जाना राज्य के लिए बहुत बड़ी क्षति है। वे अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्र और एक पुत्री सहित एक समर्पित राजनीतिक विरासत छोड़ गए हैं।

हम सभी ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।

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