पुणे बना दुनिया का चौथा सबसे जामग्रस्त शहर

एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पुणे अब दुनिया का चौथा सबसे जामग्रस्त शहर बन चुका है। इस स्थिति का कारण है अप्रत्याशित वाहन वृद्धि, असमर्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर, नगर नियोजन में असमंजस और अनियंत्रित शहरी विस्तार।बढ़ते वाहनों का दबाव और अव्यवस्थित व्यवस्था।
वाहनों की संख्या बढ़ी:
ट्रैफिक इंडेक्स के अनुसार पुणे मे प्रतिवर्ष लगभग 2.5 लाख नए वाहन रजिस्टर हो रहे हैं, जो ट्रैफिक को और बिगाड़ रहे हैं।यात्रा समय का आंकड़ा:
10 किलोमीटर दूरी तय करने में औसतन 33 मिनट 22 सेकंड लगते हैं, जबकि शहर का कंजेशन लेवल 34% है।*नागरिकों द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 108 घंटे ट्रैफिक में बिता दिए जाते हैं।*
सिंहगड रोड पर भारी जाम:
हाल ही में, सुबह के समय सिंहगड रोड (मणिकबाग–विठ्ठलवाडी) पर भारी ट्रैफिक जाम हुआ। इसका मुख्य कारण फ्लाईओवर निर्माण की दरार और बारिश के समय पेश आने वाले सड़क क्षतियों और वॉरॉंगम द्वारा गाड़ी चलाने जैसे कारकों को बताया गया है।चाकण MIDC क्षेत्र में स्थिति चरम पर:
चाकण एमआईडीसी क्षेत्र में ट्रैफ़िक जाम इतना बढ़ गया है कि पहले 20–25 मिनट का सफर अब दो घंटे से अधिक का हो गया है। इसके कारण कामगार मानसिक और आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने PMRDA, MIDC और NHAI पर सड़क निर्माण व रख-रखाव में लापरवाही का आरोप लगाया है।

स्वागत: ऑटो ड्राइवरों की कार्यप्रणाली समस्या:
मेट्रो व बस स्टॉप्स के पास ऑटो ड्राइवरों द्वारा मनमाने भाड़े वसूली व राइड मना करने की घटनाएं आम हो गई हैं। इससे ट्रैफिक व्यवस्था और बढ़ी हुई है। 250 शिकायतों पर कार्रवाई हुई है और अब RTO जुर्माना या लाइसेंस निलंबन पर विचार कर रहा है।
10-सालिक योजना: 2026 तक गति बढ़ाने का लक्ष्य:
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि दिसंबर 2026 तक पुणे में औसत वाहन गति 12–19 किमी/घंटा से बढ़ाकर 30 किमी/घंटा करने की योजना है। इस ₹1.3 लाख करोड़ की 30 साल की मोबिलिटी योजना का पहला चरण ₹62,000 करोड़ में पूरा किया जाएगा।Short-term में 30-35 बॉटलनेक हटाने और सड़क कनेक्टिविटी सुधारने पर जोर है।
नवीनतम स्थिति और स्थानीय चुनौतियाँ

सिंहगड रोड पर भारी जाम:
हाल ही में, सुबह के समय सिंहगड रोड (मणिकबाग–विठ्ठलवाडी) पर भारी ट्रैफिक जाम हुआ। इसका मुख्य कारण फ्लाईओवर निर्माण की दरार और बारिश के समय पेश आने वाले सड़क क्षतियों और वॉरॉंगम द्वारा गाड़ी चलाने जैसे कारकों को बताया गया है।

चाकण MIDC क्षेत्र में स्थिति चरम पर:
चाकण एमआईडीसी क्षेत्र में ट्रैफ़िक जाम इतना बढ़ गया है कि पहले 20–25 मिनट का सफर अब दो घंटे से अधिक का हो गया है। इसके कारण कामगार मानसिक और आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने PMRDA, MIDC और NHAI पर सड़क निर्माण व रख-रखाव में लापरवाही का आरोप लगाया है।

स्वागत: ऑटो ड्राइवरों की कार्यप्रणाली समस्या:
मेट्रो व बस स्टॉप्स के पास ऑटो ड्राइवरों द्वारा मनमाने भाड़े वसूली व राइड मना करने की घटनाएं आम हो गई हैं। इससे ट्रैफिक व्यवस्था और बढ़ी हुई है। 250 शिकायतों पर कार्रवाई हुई है और अब RTO जुर्माना या लाइसेंस निलंबन पर विचार कर रहा है।

10-सालिक योजना: 2026 तक गति बढ़ाने का लक्ष्य:
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि दिसंबर 2026 तक पुणे में औसत वाहन गति 12–19 किमी/घंटा से बढ़ाकर 30 किमी/घंटा करने की योजना है। इस ₹1.3 लाख करोड़ की 30 साल की मोबिलिटी योजना का पहला चरण ₹62,000 करोड़ में पूरा किया जाएगा।Short-term में 30-35 बॉटलनेक हटाने और सड़क कनेक्टिविटी सुधारने पर जोर है।
पुणे में ट्रैफिक जाम की समस्या अब सिर्फ एक स्थानीय मुद्दा नहीं रही—यह वैश्विक स्तर तक पहुँच चुकी है। बढ़ती वाहन संख्या, कमजोर सार्वजनिक परिवहन, अधूरे निर्माण कार्य और लापरवाहीपूर्ण नियोजन ने शहर को जाम का शहर बना दिया है। हालांकि, सरकार ने सुधार के लिए पहल की है—लेकिन नागरिकों की सक्रिय भूमिका, नियोजन की दक्षता और सही समय पर कार्यान्वयन ही वास्तविक राहत दे सकता है।

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