टैरिफ के बीच बड़ी बात बोल गए ट्रंप, कहा- चीन में नहीं लगेंगी अमेरिकी कंपनियां, भारतीय नहीं कर पाएंगे काम |

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान से सुर्खियां बटोरी हैं। ट्रंप ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू या चुनावी रैली में चीन और भारत को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा
अगर मैं दोबारा राष्ट्रपति बना तो अमेरिकी कंपनियों को चीन में फैक्ट्रियां लगाने की इजाजत नहीं दूंगा।”इसके साथ ही ट्रंप ने भारतीयों पर भी निशाना साधा और कहा: “भारतीय वर्कर्स को अमेरिका में आने और अमेरिकी कंपनियों में काम करने की छूट नहीं दी जाएगी, खासकर IT सेक्टर में।”ट्रंप का मानना है कि अमेरिकी नौकरियां विदेशी देशों को आउटसोर्स हो रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को नुकसान हो रहा है।उन्होंने H-1B वीजा नीति को भी दोबारा सख्त करने के संकेत दिए हैं, जिससे भारत के लाखों आईटी प्रोफेशनल्स प्रभावित हो सकते हैं

।चीन को लेकर उन्होंने भारी टैरिफ और कंपनियों की निर्भरता खत्म करने की बात दोहराई।यदि ट्रंप 2024 (या अब 2025) में फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो भारत और चीन दोनों की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।अमेरिका में काम कर रहे भारतीय प्रोफेशनल्स की नौकरी पर खतरा मंडरा सकता है।वैश्विक व्यापार नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
यह बयान ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत आता है, जिसे वे फिर से लागू करने की कोशिश कर रहे हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन पर निशाना साधा है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिकी टेक कंपनियां चीन में फैक्ट्रियां लगाती हैं और भारत के लोगों को काम पर रखती हैं. इसके लिए ट्रंप ने अमेरिकी टेक कंपनियों के विदेशी सौदों को खत्म करने का दावा किया है. ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिकी टेक कंपनियां आयरलैंड में टैक्स बचाने के लिए मुनाफे को कम दिखाती हैं. इस तरह से अमेरिकी नागरिकों को नजरअंदाज कर रही हैं. उन्होंने कहा कि दिन अब लद गए हैं. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को फिर से एक निर्माता राष्ट्र बनाना होगा और विदेशी सौदों को खत्म कर अमेरिकी नागरिकों को प्राथमिकता देनी होगी.

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