महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला: अब लोकल अधिकारी देंगे फायर सेफ्टी क्लियरेंस, रियल एस्टेट को मिलेगी रफ्तार

महाराष्ट्र सरकार ने रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब 70 मीटर तक ऊंची इमारतों के लिए फायर सेफ्टी क्लियरेंस (अग्नि सुरक्षा अनुमति) राज्य स्तर पर नहीं, बल्कि स्थानीय निकायों – नगर निगम और नगर परिषद के अधिकृत अधिकारियों द्वारा दी जाएगी।

अब तक यह मंजूरी राज्य सरकार के मुख्य अग्निशमन अधिकारी या निदेशालय स्तर पर दी जाती थी, जिससे प्रक्रिया में देरी होती थी और परियोजनाओं की लागत बढ़ती थी। लेकिन इस नई व्यवस्था से अब रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को तेजी से मंजूरी मिल सकेगी और निर्माण कार्य समय पर शुरू हो पाएंगे।

राज्य सरकार ने यह कदम “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” नीति को बढ़ावा देने और रियल एस्टेट सेक्टर की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए उठाया है। यह विकेंद्रीकरण का निर्णय न केवल मंजूरी प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि समय और धन दोनों की बचत करेगा।

अब 70 मीटर तक की इमारतों के लिए फायर एनओसी (No Objection Certificate) स्थानीय अधिकारी ही जारी कर सकेंगे, जिससे डेवलपर्स को महीनों तक राज्य स्तरीय क्लियरेंस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

रियल एस्टेट डेवलपर्स की शीर्ष संस्था क्रेडाई (CREDAI) और महारेरा (MahaRERA) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे महाराष्ट्र में हाउसिंग सेक्टर को नई गति मिलेगी और निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होगा।

इस फैसले से रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता, गति और विश्वास का माहौल बनेगा — जो राज्य की आर्थिक प्रगति में सहायक सिद्ध होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

en_USEnglish