रामदेव और रूह अफजा विवाद पर कोर्ट ने सुनाया अंतिम फैसला

द मीडिया टाइम्स डेस्क 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ चल रहे रूह अफजा मामले में अंतिम फैसला सुना दिया है। यह मामला हमदर्द नेशनल फाउंडेशन द्वारा दायर किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बाबा रामदेव ने अपने बयानों में रूह अफजा ब्रांड की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली टिप्पणियाँ की थीं।

शुक्रवार, 9 मई को हुई सुनवाई के दौरान, बाबा रामदेव और पतंजलि फूड्स लिमिटेड की ओर से अदालत में शपथपत्र दाखिल किया गया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे भविष्य में रूह अफजा या हमदर्द कंपनी के खिलाफ कोई अपमानजनक या आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करेंगे। इस वचन के आधार पर, न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा कि बाबा रामदेव और पतंजलि द्वारा दिए गए बयान उनके लिए बाध्यकारी रहेंगे।

कोर्ट ने हमदर्द नेशनल फाउंडेशन के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए यह मामला बंद कर दिया। यह फैसला ऐसे समय आया है जब ब्रांड्स के बीच प्रतिस्पर्धा और छवि की सुरक्षा को लेकर कानूनी लड़ाइयाँ आम होती जा रही हैं।

यह मामला उन लोगों के लिए भी एक उदाहरण है जो अपने बयानों के माध्यम से प्रतिस्पर्धियों की छवि को प्रभावित करते हैं। कोर्ट के इस फैसले से यह संदेश जाता है कि ब्रांड्स के बीच प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होनी चाहिए, न कि अपमानजनक।

अब देखना यह होगा कि क्या रामदेव और पतंजलि इस वचन का पूरी तरह पालन करते हैं, या फिर भविष्य में इस विवाद का कोई नया अध्याय खुलता है।

 

 

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