पीएमसी मॉक ड्रिल ने आपदा प्रबंधन में बड़ी खामियों को उजागर किया

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में आयोजित इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य विभिन्न आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों के बीच समन्वय की जांच करना था।इस अभ्यास के दौरान सामने आया कि आपदा प्रबंधन तंत्र में कई गंभीर खामियां हैं। बचाव दलों के बीच तालमेल की कमी, उपकरणों की अनुपलब्धता, और तय समय में प्रतिक्रिया न दे पाने जैसी समस्याएं उजागर हुईं

यह मॉक ड्रिल इस बात का संकेत है कि अगर वास्तविक आपात स्थिति आती है, तो मौजूदा व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं होंगी। अधिकारियों का कहना है कि इन कमियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

महानगरपालिका (PMC) द्वारा हाल ही में आयोजित की गई मॉक ड्रिल ने शहर की आपदा प्रबंधन तैयारियों की पोल खोल दी। यह अभ्यास भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसका उद्देश्य संभावित आपातकालीन परिस्थितियों में विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता की जांच करना था।ड्रिल के दौरान एक नकली विस्फोट की स्थिति का चित्रण किया गया, जिसमें घायलों को बचाने, प्राथमिक चिकित्सा देने, और घटनास्थल को सुरक्षित करने जैसी गतिविधियों को अंजाम देना था। लेकिन यह प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं चल पाई।

फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस सेवा, पुलिस और नागरिक प्रशासन के बीच तालमेल की भारी कमी देखी गई। अलग-अलग एजेंसियां अपने स्तर पर कार्य करती रहीं, जिससे प्रतिक्रिया समय प्रभावित

ड्रिल के दौरान वॉकी-टॉकी, मोबाइल नेटवर्क और कंट्रोल रूम के बीच संपर्क में लगातार बाधा आई, जिससे निर्देशों का आदान-प्रदान समय पर नहीं हो पाया।

कुछ आपातकालीन कर्मचारियों के पास आवश्यक सुरक्षा उपकरण नहीं थे, जिससे उनकी कार्यक्षमता पर असर पड़ा। फायर ब्रिगेड की कुछ गाड़ियां भी समय पर नहीं पहुंच पाईं।

नजदीकी अस्पतालों में नकली घायलों के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था नहीं थी। मेडिकल स्टाफ की संख्या कम और आपूर्ति सीमित थी।

मॉक ड्रिल के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने माना कि कई स्तरों पर सुधार की आवश्यकता है। PMC आयुक्त ने कहा, “ड्रिल का उद्देश्य ही था खामियों की पहचान करना। अब हमारा अगला कदम है इन कमियों को जल्द से जल्द दूर करना।”

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