ट्रैफिक चेकिंग के दौरान गर्भवती महिला से बदसलूकी के बाद लोगों का फूटा आक्रोश; टाटानगर रेलवे स्टेशन मार्ग जाम कर किया प्रदर्शन

जमशेदपुर: जमशेदपुर में ट्रैफिक चेकिंग के दौरान एक गर्भवती महिला से पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने टाटानगर रेलवे स्टेशन मार्ग को जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। महिला के साथ हुई बदसलूकी के मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।

घटना के अनुसार, बुधवार सुबह टाटानगर रेलवे स्टेशन के पास ट्रैफिक पुलिस ने वाहन चेकिंग अभियान चलाया था। इस दौरान एक गर्भवती महिला को रोका गया। महिला अपनी स्थिति के कारण थोड़ा असहज महसूस कर रही थी, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे अपमानित करते हुए चेकिंग के दौरान बदसलूकी की। महिला ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसे न केवल शारीरिक रूप से असुविधा दी, बल्कि उसके साथ अपशब्द भी कहे। महिला के साथ हुई इस घटना से आसपास के लोग उग्र हो गए और उन्होंने तुरंत विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

स्थानीय लोगों ने टाटानगर रेलवे स्टेशन मार्ग को जाम कर दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना था कि इस तरह की घटना न केवल महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाती है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए शर्मनाक भी है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि गर्भवती महिलाओं के साथ ऐसी बदसलूकी किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जा सकती। जाम की वजह से मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया, जिससे वाहन चालकों और यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

प्रदर्शन की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला को राहत देने का आश्वासन दिया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों से शांत होने की अपील की और कहा कि वे इस मामले की गंभीरता से जांच करेंगे। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़िता को न्याय दिलवाया जाएगा। प्रशासन के आश्वासन के बाद धीरे-धीरे प्रदर्शनकारी जाम हटाने के लिए राजी हुए और यातायात बहाल हुआ।

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की। कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने लिखा कि इस तरह के कृत्य समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाते हैं, और इस प्रकार के मामलों में जल्दी न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

स्थानीय नेताओं और समाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और पुलिस प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है। यह घटना एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करती है कि क्या पुलिसकर्मियों को नागरिकों, विशेषकर महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान का ध्यान रखना चाहिए? महिलाओं के खिलाफ इस प्रकार की बदसलूकी को लेकर समाज और प्रशासन को मिलकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

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