बेटी बढ़ाओ’ महिला सशक्तीकरण की यात्रा का अगला कदम है: रेखा गुप्ता

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को कहा कि अब समय आ गया है जब लड़कियों को सिर्फ सुरक्षा और शिक्षा देने से आगे बढ़कर उन्हें सक्रिय रूप से सक्षम और उन्नत बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने महिला सशक्तीकरण की यात्रा में अगले कदम के रूप में “बेटी बढ़ाओ” वाक्यांश के साथ काम करने का आह्वान किया।

दिल्ली के इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय में आयोजित “समन्वय: 100 साल की विरासत का जश्न” कार्यक्रम में रेखा गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण को लेकर सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव जरूरी है। उनका कहना था कि महिलाओं को न केवल शिक्षा और सुरक्षा दी जानी चाहिए, बल्कि उन्हें आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी सशक्त बनाना होगा ताकि वे समाज में अपनी भूमिका पूरी तरह से निभा सकें।

रेखा गुप्ता ने कहा, “अब तक हम लड़कियों को सुरक्षा और शिक्षा देने के बारे में सोचते आए हैं, लेकिन हमें इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। हमें लड़कियों को सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सक्रिय रूप से भागीदार बनाना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें वह ताकत दें जिससे वे अपने सपनों को पूरा कर सकें और समाज में अपनी पहचान बना सकें।”

महिला महाविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की शैक्षिक और सामाजिक उन्नति की दिशा में किए गए प्रयासों को उजागर करना था। कार्यक्रम में यह बताया गया कि पिछले 100 वर्षों में इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय ने महिलाओं की शिक्षा और विकास में अहम योगदान दिया है और इस दिशा में उनकी यात्रा निरंतर जारी है।

रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में “बेटी बढ़ाओ” को महिला सशक्तिकरण की एक नई दिशा के रूप में प्रस्तुत किया। उनका मानना था कि जब हम लड़कियों को आगे बढ़ने का मौका देते हैं, तो समाज की संरचना भी बदलती है। उन्होंने कहा, “हमारे समाज में एक समय था जब लड़कियों को केवल घर संभालने तक सीमित कर दिया जाता था, लेकिन अब समय बदल चुका है। अब हमारी लड़कियां न केवल घरों में, बल्कि हर पेशेवर क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रही हैं।”

महिला सशक्तीकरण के संदर्भ में रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि सरकारी योजनाएं और कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाएं अपनी आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर सकती हैं। उन्होंने खास तौर पर “बेटी बढ़ाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियानों की सराहना की और कहा कि ये पहलें महिलाओं के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान को मान्यता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर कॉलेज के छात्राओं ने भी महिला सशक्तीकरण के विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय साझा की और बताया कि कैसे वे अपनी शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाने की दिशा में काम कर रही हैं।

रेखा गुप्ता का यह भाषण न केवल एक प्रेरणा था, बल्कि यह हमें यह समझाने में मदद करता है कि महिलाओं को केवल शिक्षा और सुरक्षा तक सीमित नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें हर क्षेत्र में समान अवसर देने चाहिए, ताकि वे पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ सकें।

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