भारत-विरोधी नारेबाजी के मामले में महाराष्ट्र के प्राधिकारियों से जवाब तलब

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सिंधुदुर्ग जिले में एक क्रिकेट मैच के दौरान कथित रूप से भारत-विरोधी नारेबाजी किए जाने के मामले में महाराष्ट्र के प्राधिकारियों से सोमवार को जवाब तलब किया। इस मामले में एक व्यक्ति और उसके परिवार पर मामला दर्ज किया गया था और उनकी संपत्तियां भी ढहा दी गई थीं।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह कार्रवाई बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के की गई है। इस याचिका में मांग की गई है कि मालवण नगर परिषद के मुख्य अधिकारी और प्रशासक के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की जाए, क्योंकि उनके आदेशों के आधार पर उक्त कार्रवाई की गई थी।

यह मामला तब सामने आया जब क्रिकेट मैच के दौरान एक व्यक्ति और उसके परिजनों के खिलाफ कथित रूप से भारत-विरोधी नारेबाजी करने का आरोप लगा। इस घटना के बाद, स्थानीय अधिकारियों ने उक्त व्यक्ति की संपत्तियों को ढहा दिया, जिससे उसके परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसे मामले में प्रशासन को बिना उचित कानूनी प्रक्रिया और न्यायिक आदेश के इस प्रकार की कठोर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र के प्राधिकारियों से 4 सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।

यह मामला राजनीतिक और कानूनी दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसमें नागरिक अधिकारों और प्रशासनिक कार्रवाई के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है। उच्चतम न्यायालय की यह प्रतिक्रिया इस मामले की गंभीरता को दर्शाती है, जिसमें अधिकारों का उल्लंघन होने का आरोप लगाया जा रहा है।

 

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