आरजी कर दुष्कर्म-हत्या: प्रशिक्षु चिकित्सक के माता-पिता को सात माह बाद मिला मृत्यु प्रमाणपत्र

कोलकाता: कोलकाता के प्रतिष्ठित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या की दर्दनाक घटना के सात माह बाद, पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम ने मृतक चिकित्सक के माता-पिता को मृत्यु प्रमाणपत्र सौंपा। यह घटना पिछले साल के अंत में घटित हुई थी, जिसके बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया था।

स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम के अनुसार, बुधवार शाम को उन्होंने आरजी कर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और उप-प्राचार्य (एमएसवीपी) के साथ मृतका के घर जाकर उनके माता-पिता को मृत्यु प्रमाणपत्र सौंपा। इस मौके पर राज्य सरकार द्वारा मृतका के परिवार को न्याय दिलाने का वादा किया गया।

महिला चिकित्सक, जो कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर थीं, पिछले साल दिसंबर में अस्पताल परिसर के अंदर एक जघन्य अपराध का शिकार हुईं थीं। उनकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने न केवल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को शर्मसार किया, बल्कि पूरे राज्य में महिला सुरक्षा और न्याय के सवाल को भी उठाया।

सात महीने की लंबी कानूनी प्रक्रिया और जांच के बाद, अब जाकर उनके माता-पिता को उनकी बेटी की मृत्यु का प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ। परिवार ने इस अवसर पर राज्य सरकार से यह भी आग्रह किया कि उनकी बेटी के हत्यारों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए ताकि न्याय की प्रक्रिया को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।

मृतक चिकित्सक के परिवार ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग से पूरी उम्मीद है कि इस मामले में न्याय मिलेगा। उनके मुताबिक, उन्होंने इस दुखद घटना के बाद से ही सरकार से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की थी, ताकि दोषियों को सख्त सजा मिल सके और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा सकें।

इस मामले की जांच में पुलिस और अपराध शाखा ने कई पहलुओं की जांच की है, और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया था। पुलिस ने बताया कि आरोपी का मानसिक स्वास्थ्य भी जांचा जा रहा था, लेकिन मृतका के परिवार को यह विश्वास था कि न्याय जरूर मिलेगा।

स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम ने इस घटना के बाद मृतका के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि राज्य सरकार इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करना है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

कुल मिलाकर, यह घटना न केवल पश्चिम बंगाल, बल्कि पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर करती है।

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