द मीडिया टाइम्स डेस्क – झारखंड
आदिवासी सावता सुसार अखाड़ा के बैनर तले संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा विरोध स्वरूप एक बाइक रैली निकाली गई। इस रैली के माध्यम से आदिवासी नेताओं ने सरकार और प्रशासन पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया, साथ ही इसे आदिवासियों की अस्मिता से खेलना और मिटाने की साजिश करार दिया।
चंद्रमोहन हांसदा, प्रमंडलीय अध्यक्ष, ने कहा कि अगर सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो आदिवासी समाज बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगा और इन घुसपैठियों के खिलाफ संघर्ष शुरू करेगा। उनका यह भी कहना था कि यदि संथाल परगना में बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठ नहीं है, तो फिर दो साल से दुमका केंद्रीय जेल में बंद नजमूल नामक बांग्लादेशी की रिहाई कैसे हो रही है? यह साफ तौर पर दर्शाता है कि सरकार और प्रशासन बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर झूठ बोल रहे हैं और सत्ताधारी दल इसका राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं।
अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि ये बांग्लादेशी आदिवासियों की भूमि और अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उनका कहना था कि यदि सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती, तो आदिवासी समाज अपने परंपरागत हथियार तीर और धनुष के साथ इन घुसपैठियों को खदेड़ने का काम करेगा।
आदिवासी समाज का स्पष्ट संदेश:
आदिवासी संगठन सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आदिवासी समाज सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगा और घुसपैठियों के खिलाफ संघर्ष करेगा।
