आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने छात्रों की परीक्षा चिंता की पहचान के लिए विकसित किए फिजियोलॉजिकल मार्कर्स

आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने परीक्षा के दौरान होने वाली चिंता (Test Anxiety) को समझने और समय रहते प्रबंधित करने के लिए एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है। संस्थान की रिसर्च टीम ने ऐसे फिजियोलॉजिकल मार्कर्स (शारीरिक संकेतक) की पहचान की है, जिनकी मदद से छात्रों में परीक्षा से पहले और दौरान होने वाले तनाव के स्तर की सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है। यह खोज आने वाले समय में स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता को और बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।

कैसे काम करते हैं ये फिजियोलॉजिकल मार्कर्स?

शोधकर्ताओं के अनुसार, परीक्षा के दौरान हमारे शरीर में कई बदलाव होते हैं—जैसे हृदय गति में उतार-चढ़ाव, त्वचा की प्रतिक्रियाएँ, सांस लेने की दर और दिमाग की गतिविधि। इन सभी पैरामीटर्स को रिकॉर्ड कर के वैज्ञानिक एक ऐसा पैटर्न तैयार करने में सफल हुए हैं, जो यह बताता है कि छात्र कितनी परीक्षा चिंता का सामना कर रहा है।
इन मार्कर्स का उपयोग कर रियल-टाइम में तनाव स्तर की निगरानी की जा सकती है, जिससे समय पर हस्तक्षेप कर छात्रों को सहायता दी जा सकेगी।

शोध का महत्व

परीक्षा चिंता छात्रों के प्रदर्शन, आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती है।

यह शोध छात्रों को समझने, तनाव पहचानने और उनके लिए सही काउंसलिंग प्रदान करने में उपयोगी साबित होगा।

भविष्य में इस तकनीक के आधार पर मोबाइल ऐप्स या वेयरेबल डिवाइस विकसित किए जा सकते हैं, जो परीक्षा के दौरान तनाव के स्तर को तुरंत ट्रैक कर सकेंगे।

शिक्षा जगत के लिए बड़ी उम्मीद

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि शिक्षण संस्थान इस शोध का लाभ उठाते हैं, तो वे छात्रों के लिए एक बेहतर और तनाव-मुक्त वातावरण बना सकते हैं। इससे न केवल परीक्षा परिणामों में सुधार होगा बल्कि छात्रों की मानसिक सेहत भी मजबूत होगी।

आईआईटी मद्रास की यह खोज छात्रों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जो परीक्षा के दबाव को कम करने और बेहतर प्रदर्शन के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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