जानबूझकर जनगणना और जातिगत जनगणना कराने से बच रही मोदी सरकार – मल्लिकार्जुन खरगे

नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को सरकार पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर जनगणना और जातिगत जनगणना कराने से बच रही है। उन्होंने सरकार से जल्द जनगणना और जातिगत जनगणना प्रक्रिया को पूरा करने की मांग की, ताकि लोगों को जनकल्याण योजनाओं का लाभ मिल सके। खरगे ने कहा कि अगर इस प्रक्रिया में और देर होती है तो कई लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रह जाएंगे।

राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए खरगे ने बताया कि भारत में जनगणना 1881 से शुरू हुई थी और तब से यह हर 10 साल में होती आई है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया कभी भी किसी आपातकाल, युद्ध या संकट के कारण स्थगित नहीं हुई। लेकिन आज जब भारत की जनसंख्या में वृद्धि हो रही है और लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सही आंकड़े की जरूरत है, तब सरकार इस महत्वपूर्ण काम को टाल रही है।

खरगे ने यह भी कहा कि सरकार को जातिगत जनगणना की प्रक्रिया को भी जल्दी पूरा करना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि विभिन्न जातियों के लोग किस हद तक सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आंकड़े सरकार को सही नीतियां बनाने में मदद करेंगे, जिससे समाज के हर वर्ग को समान अवसर मिल सके।

विपक्ष के नेता ने सरकार से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द जनगणना और जातिगत जनगणना की प्रक्रिया पूरी करे, ताकि कोई भी व्यक्ति सरकारी लाभ से वंचित न रहे।

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