देश में  लागू हुआ GST रिफॉर्म्स, विपक्ष का सरकार पर निशाना

भारत में GST 2.0 आज से लागू हो गया है। सरकार का दावा है कि यह नया ढांचा उपभोक्ताओं और उद्योग जगत दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस सुधार को लेकर सवाल उठाए हैं और सरकार पर जल्दबाज़ी और आम जनता पर बोझ डालने के आरोप लगाए हैं।

क्या हैं GST 2.0 के प्रमुख बदलाव?टैक्स स्लैब में कमी – पहले की तुलना में स्लैब्स को सरल किया गया है। अब अधिकतर वस्तुएँ और सेवाएँ केवल 5% और 18% श्रेणी में होंगी।लक्ज़री और सिन गुड्स पर 40% टैक्स  शराब, सिगरेट, महंगी कारों जैसी वस्तुओं पर ऊँचा टैक्स दर लागू होगी।घरेलू सामान सस्ते बीमा प्रीमियम, दोपहिया वाहन और कई रोज़मर्रा की वस्तुओं पर टैक्स घटने से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।कपड़ों और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स पर असर – ₹2,500 से अधिक कीमत वाले कपड़ों और कुछ ब्रांडेड सामान पर टैक्स बढ़ाया गया है।

वित्त मंत्रालय का कहना है कि GST 2.0 से टैक्स सिस्टम पारदर्शी और आसान होगा।इससे व्यापार जगत को कम्प्लायंस में आसानी होगी।महँगाई पर काबू पाने और टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी।राजस्व संग्रह में वृद्धि से सरकार को विकास योजनाओं पर अधिक खर्च करने का अवसर मिलेगा।

विपक्षी दलों ने इस सुधार पर कई सवाल खड़े किए हैंउनका कहना है कि सरकार ने राज्यों से पर्याप्त चर्चा किए बिना इसे लागू कर दिया।कई विपक्षी नेताओं का आरोप है कि GST 2.0 गरीब और मध्यम वर्ग पर बोझ बढ़ाएगा।कपड़े, फुटवियर और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स वृद्धि को लेकर विपक्ष ने विरोध जताया है।सुधार का असर सीधे उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा।बीमा प्रीमियम, घरेलू उपकरण और टू-व्हीलर खरीदने वालों को राहत मिलेगी।वहीं, कपड़े, कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स खरीदने वालों को ज्यादा कीमत चुकानी होगी।

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