सेमीकॉन इंडिया 2025 भारत की तकनीकी दिशा में ऐतिहासिक कदम प्रधानमंत्री मोदी ने किया उद्घाटन

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर सेक्टर को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के उद्देश्य से Semicon India सम्मेलन की शुरुआत की थी। 2025 का यह चौथा संस्करण अब तक का सबसे बड़ा और प्रभावशाली आयोजन माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत “विश्वसनीय और स्थायी साझेदार” के रूप में वैश्विक सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है।युवाओं की प्रतिभा, स्टार्ट-अप्स की ऊर्जा और सरकार के सहयोग से भारत आने वाले वर्षों में चिप मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन का हब बन सकता है।उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत केवल उपभोक्ता देश न रहकर, अब निर्माता देश के रूप में उभरने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।भारत “विश्वसनीय और स्थायी साझेदार” के रूप में वैश्विक सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है।युवाओं की प्रतिभा, स्टार्ट-अप्स की ऊर्जा और सरकार के सहयोग से भारत आने वाले वर्षों में चिप मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन का हब बन सकता है।उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत केवल उपभोक्ता देश न रहकर, अब निर्माता देश के रूप में उभरने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
48+ देशों के 2500 से अधिक प्रतिनिधियों की मौजूदगी ने भारत की वैश्विक साख को मजबूत किया।20,000 से ज्यादा विज़िटर्स और 350+ प्रदर्शकों ने अपने इनोवेशन पेश किए।जापान, कोरिया, सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों के विशेष पवेलियन लगाए गए, जिससे तकनीकी सहयोग और निवेश को बढ़ावा मिला।भारत का पहला पूर्णत: स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर लॉन्च हुआ।इसे आईआईटी मद्रास और C-DAC जैसी संस्थाओं के सहयोग से विकसित किया गया है।चार स्वीकृत सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स के टेस्ट-चिप्स प्रदर्शित किए गए।इससे भारत की फैब्रिकेशन और पैकेजिंग क्षमता का अंदाजा मिलता है।स्टार्ट-अप्स और MSMEs को प्रोत्साहनDesign Linked Incentive (DLI)” योजना पर विशेष सत्र रखा गया।युवाओं को R&D और नवाचार के लिए अवसर दिए गए।ओडिशा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों ने अपने निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर अवसर प्रदर्शित किए।ओडिशा के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में अपने पवेलियन का उद्घाटन किया।

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