आदिवासी संगठनों ने झारखंड बंद का आह्वान किया, मेडिकल और आवश्यक सेवाएं रहेंगी मुक्त

रांची : झारखंड के विभिन्न आदिवासी संगठनों ने बुधवार को जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर झारखंड बंद का आह्वान किया है। यह बंद सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक प्रभावी रहेगा।

बंद की घोषणा करने वाले प्रमुख प्रतिनिधियों — निरंजना हेरेंज, कुंदरसी मुंडा, प्रेमशाही मुंडा, राहुल तिर्की और आकाश तिर्की — ने स्पष्ट किया कि यह बंद शांतिपूर्ण रहेगा और मेडिकल व आवश्यक सेवाओं को इससे मुक्त रखा गया है।

प्रमुख मांगें एवं मुद्दे:

  • भूमि अधिकारों की रक्षा

  • स्थानीय नीति में आदिवासियों को प्राथमिकता

  • जल, जंगल और जमीन पर समुदाय के पारंपरिक अधिकारों की पुनर्बहाली

  • जनजातीय समुदायों के खिलाफ हो रहे शोषण और उत्पीड़न को रोकना

बंद के दौरान राज्यभर में सड़कों पर प्रदर्शन, रैलियां और नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जा रही हैं। कई संगठनों ने बंद को समर्थन दिया है, जबकि स्थानीय प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए हैं।

निरंजना हेरेंज ने कहा:
“यह बंद किसी एक संगठन का नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज की आवाज है। हमारी लड़ाई अपने अधिकारों और अस्तित्व की है। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी बात सुने और समाधान निकाले।”

बंद के कारण शैक्षणिक संस्थानों, निजी परिवहन और व्यापारिक गतिविधियों पर आंशिक असर देखा जा सकता है।

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