प्रयागराज, 26 फरवरी 2025 – विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ की भव्यता, स्वच्छता और आधुनिक तकनीकों के समावेश ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। अमेरिका के प्रतिष्ठित हार्वर्ड विश्वविद्यालय के विद्वानों ने महाकुंभ के आयोजन को एक अनूठा उदाहरण बताया है, जहां परंपरा और तकनीक का समन्वय देखा जा सकता है।
भारत के न्यूयॉर्क स्थित वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक विशेष चर्चा में हार्वर्ड के प्रोफेसरों ने महाकुंभ मेले में अपनी शोध यात्रा के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि यह धार्मिक आयोजन केवल आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें इंजीनियरिंग, प्रशासन, स्वच्छता और आर्थिक गतिविधियों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। विशेषज्ञों ने कहा कि महाकुंभ दुनिया को यह सिखाता है कि कैसे सीमित समय में एक अस्थायी लेकिन सुव्यवस्थित शहर बसाया जा सकता है।
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रसिद्ध प्रोफेसर ने कहा कि महाकुंभ एक ऐसा मंच है जहां परंपरा और आधुनिकता का अनूठा मेल देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि इस बार महाकुंभ को ‘स्वच्छ कुंभ’ के रूप में पहचान दी गई है और इसकी सफाई व्यवस्था अभूतपूर्व है। इस आयोजन में डिजिटल तकनीकों का उपयोग भी बड़े स्तर पर किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं की सुविधाओं में सुधार हुआ है। विशेष रूप से, इस बार ‘खोया-पाया’ सेवा को डिजिटल रूप से संचालित किया गया, जिससे लाखों लोगों को उनके परिवार से मिलाने में मदद मिली।
धार्मिक अध्ययन की प्रोफेसर ने कहा कि महाकुंभ केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि प्रबंधन, निर्माण और सामाजिक व्यवस्था की अद्भुत मिसाल है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि इतनी विशाल आबादी के लिए कुछ ही दिनों में एक नया शहर खड़ा कर दिया जाता है, जिसमें बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं, जल आपूर्ति, सफाई व्यवस्था और व्यापारिक गतिविधियों का समुचित प्रबंध किया जाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य देशों को महाकुंभ के अस्थायी निर्माण से सीख लेनी चाहिए, खासकर उन क्षेत्रों में जहां आपदा या युद्ध के कारण शरणार्थी शिविर बनाने की आवश्यकता होती है।
अन्य विद्वानों ने भी महाकुंभ में तकनीकी नवाचारों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह उत्सव यह दिखाता है कि कैसे धार्मिक आयोजनों में विज्ञान और प्रबंधन को प्रभावी ढंग से जोड़ा जा सकता है। इस बार महाकुंभ में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित कैमरों का उपयोग किया गया, जिससे श्रद्धालुओं की गणना और भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाया गया।
कई विद्वानों ने महाकुंभ के आर्थिक पहलुओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन लाखों लोगों को रोजगार देता है और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देता है। छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े निवेशकों तक, सभी के लिए महाकुंभ एक आर्थिक अवसर बन जाता है।
महाकुंभ के दौरान अब तक लगभग 60 करोड़ श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, यह आंकड़ा ऐतिहासिक है और आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन ने हर संभव प्रयास किया है।
महाकुंभ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे संस्कृति, परंपरा और आधुनिक तकनीक मिलकर एक उत्कृष्ट आयोजन को सफल बना सकते हैं। हार्वर्ड के विद्वानों ने कहा कि आने वाले वर्षों में महाकुंभ और भी उन्नत होगा, और इसे और बेहतर बनाने के लिए सरकार तथा व्यवसायियों को भविष्य की रणनीतियों पर विचार करना चाहिए।

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