अब सरफराज मुंबई की मशहूर कांगा लीग में खेल रहे हैं, ताकि आने वाले घरेलू और इंटरनेशनल मैचों के लिए खुद को तैयार रख सकें।सरफराज खान इन दिनों टीम इंडिया से बाहर हैं। इंग्लैंड दौरे के लिए उन्हें टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली थी, जिस पर चयनकर्ताओं के फैसले पर सवाल भी उठे थे। टीम से बाहर होने के बाद सरफराज ने अपनी फिटनेस पर खासा ध्यान दिया और काफी वजन घटाया।
अब सरफराज मुंबई की मशहूर कांगा लीग में खेल रहे हैं, ताकि आने वाले घरेलू और इंटरनेशनल मैचों के लिए खुद को तैयार रख सकें। कांगा लीग में पार्कोफोन क्रिकेटर्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने इस्लाम जिमखाना टीम के खिलाफ 42 गेंदों में ताबड़तोड़ 61 रन की पारी खेली।
सरफराज खान, जो लंबे समय से घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, फिलहाल भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं। इंग्लैंड दौरे के लिए उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया था, जिसके बाद क्रिकेट जगत में चयनकर्ताओं के इस निर्णय पर काफी चर्चा हुई थी। टीम से बाहर रहने के दौरान सरफराज ने खुद को साबित करने का कोई मौका नहीं गंवाया और अपनी फिटनेस पर जमकर मेहनत की। इस मेहनत का नतीजा यह रहा कि उन्होंने काफी वजन कम कर लिया और मैदान पर पहले से ज्यादा फुर्तीले नजर आ रहे हैं।
मुंबई की पारंपरिक और ऐतिहासिक कांगा लीग में खेलते हुए सरफराज अपने बल्ले से जलवा दिखा रहे हैं। पार्कोफोन क्रिकेटर्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने इस्लाम जिमखाना के खिलाफ सिर्फ 42 गेंदों में 61 रन बनाए, जिसमें कई शानदार चौके और छक्के शामिल थे। उनकी इस पारी ने यह साफ कर दिया है कि वह आने वाले घरेलू क्रिकेट सीजन और भारत के अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
कांगा लीग में सरफराज का प्रदर्शन न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को बढ़ा रहा है, बल्कि चयनकर्ताओं को भी एक मजबूत संदेश दे रहा है कि वह टीम में वापसी के लिए बेताब हैं और अपनी फिटनेस व फॉर्म दोनों पर बराबर ध्यान दे रहे हैं।
सरफराज का कहना है कि मुंबई के सभी खिलाड़ियों को इस लीग में खेलना चाहिए. होरमसजी कांगा के नाम से यह लीग शुरू हुई थी
और 1948 में इसका आगाज हुआ था. यह टूर्नामेंट आमतौर पर मानसून के दिनों में होता है. ऐसे में इस दौरान पिचों में नमी होती है जिससे रन बनाना आसान नहीं रहता. अब इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी इससे दूर ही रहते हैं.
सरफराज की मुंबई के क्रिकेटर्स से कांगा लीग खेलने की अपील
सरफराज इस रवैये से सहमत नहीं है. उनका कहना है कि मुंबई के सभी खिलाड़ियों को कांगा लीग खेलनी चाहिए. कुछ खिलाड़ियों को लगता है कि यहां नाकाम रहने से उनके भविष्य पर बुरा असर पड़ सकता है. लेकिन अगर गावस्कर सर और सचिन तेंदुलकर सर इसी तरह से सोचते तो वे शायद लेजेंड नहीं बन पाते. अगर बड़े खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेलते हैं तो इससे शहर के युवाओं को प्रेरणा मिलेगी. कांगा लीग इस तरह का टूर्नामेंट है जहां अगर सफलता मिली तो फिर दुनिया में कहीं पर भी रन बनाए जा सकते हैं.

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