महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री ने जुलाई तक लंबित कृषि भूमि मामलों के निपटारे के लिए जिलेवार लोक अदालतों के आयोजन का निर्देश दिया।

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री ने राज्य में लंबित कृषि भूमि मामलों के शीघ्र समाधान के लिए अहम कदम उठाया है। उन्होंने सभी जिलों में जुलाई माह के अंत तक विशेष लोक अदालतों (लोक अदालत) के आयोजन का निर्देश दिया है, ताकि वर्षों से लंबित जमीन से संबंधित विवादों को तेजी से निपटाया जा सके।

मंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि वे मामलों की श्रेणीवार सूची बनाकर प्राथमिकता के आधार पर समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने जोर दिया कि इस पहल से किसानों को न्याय मिलने में देरी नहीं होगी और भूमि से जुड़े अधिकारों की स्थिति स्पष्ट होगी।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भूमि संबंधी विवादों को अदालतों पर अतिरिक्त बोझ डाले बिना समझौते के माध्यम से सुलझाना है। लोक अदालतों के माध्यम से समाधान होने पर न केवल समय की बचत होगी, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया भी सरल और सुलभ होगी।

राजस्व विभाग के अनुसार, कई जिले ऐसे हैं जहां हजारों की संख्या में कृषि भूमि से संबंधित मामले लम्बित हैं। लोक अदालतों के जरिए सरकार इन मामलों को पारदर्शी, तेज और प्रभावी तरीके से हल करना चाहती है।

यह निर्देश किसानों के हित में लिया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।

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