पुणे भूमि घोटाले पर घिरी अजित पवार सरकार, कांग्रेस ने मांगा उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। पुणे भूमि घोटाले के आरोपों को लेकर कांग्रेस ने राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार से तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि जब तक मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होती, तब तक पवार को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, “यह भूमि सौदेबाज़ी करोड़ों रुपये की है और इसमें कई शक्तिशाली लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। सरकार अगर पारदर्शिता की बात करती है तो सबसे पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पद छोड़कर जांच का सामना करना चाहिए।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुणे जिले में सरकारी ज़मीन के कथित तौर पर गलत तरीके से निजी कंपनियों को सौंपे जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि इस सौदे से कुछ चुनिंदा लोगों को भारी आर्थिक फायदा पहुंचाया गया, जबकि सरकारी खज़ाने को नुकसान हुआ।

वहीं, एनसीपी (अजित पवार गुट) ने इन आरोपों को पूरी तरह से राजनीतिक साज़िश करार दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि विपक्ष जानबूझकर अजित पवार की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि वे राज्य की राजनीति में एक मज़बूत चेहरा हैं।

कांग्रेस ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से इस मामले में तत्काल सीबीआई या ईडी जांच की मांग की है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद महाराष्ट्र में सत्ता संतुलन को एक बार फिर अस्थिर कर सकता है, क्योंकि अजित पवार पहले से ही विपक्ष के निशाने पर हैं और पार्टी के भीतर भी असंतोष के संकेत दिखने लगे हैं।

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