डॉक्टर-इंजीनियर बन रहे हैं आतंकी, जमीनी स्तर के आतंकियों से भी ज्यादा ख़तरनाक” |

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में एक गंभीर चेतावनी देते हुए कहा कि अब डॉक्टरों और इंजीनियरों जैसे उच्च शिक्षित लोग भी आतंकी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं, जो पारंपरिक ‘ग्राउंड-लेवल’ आतंकियों से अधिक ख़तरनाक साबित हो सकते हैं। यह टिप्पणी 2020 दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान सामने आई।

शरजील इमाम के भाषणों के वीडियो कोर्ट में पेश सुनवाई के दौरान पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में शरजील इमाम के चकहंद, जामिया, अलीगढ़ और आसनसोल में दिए गए भाषणों के वीडियो पेश किए।

पुलिस के अनुसार— शरजील इमाम ने दंगों से पहले कई स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिए।

उनके भाषण “योजनाबद्ध, सुनियोजित और प्रभाव पैदा करने वाले” बताए गए।

पुलिस का दावा है कि इमाम सिर्फ प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे, बल्कि भीड़ को दिशा देने और माहौल तैयार करने की भूमिका में थे।

उच्च शिक्षित युवाओं की भूमिका चिंता का कारण दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि— अब केवल गरीब या बिना शिक्षित लोगों में नहीं, बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर और पेशेवर वर्ग के युवाओं में भी उग्रवाद की सोच देखने को मिल रही है।

उनके पास तकनीकी ज्ञान और रणनीतिक सोच होती है, जिससे वे “अधिक प्रभावी और अधिक ख़तरनाक” बन जाते हैं।

पुलिस ने कहा कि तकनीकी पृष्ठभूमि वाले आरोपी डिजिटल रणनीतियों और नेटवर्किंग के ज़रिए हिंसा की योजना बनाने में अधिक सक्षम होते हैं।

पुलिस का तर्क — ‘सोच साफ़ थी, दंगे नहीं रोकना था’ पुलिस ने अदालत में कहा कि—  इमाम की मंशा शांतिपूर्ण विरोध नहीं थी,  बल्कि “राज्य को चुनौती देने और माहौल को अस्थिर करने” की थी।

पेश किए गए वीडियो इसमें अहम साक्ष्य बताए गए।

क्या है मामला?

फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों में 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्रों पर साज़िश रचने का आरोप है।

शरजील इमाम को भी दंगों की साज़िश से जुड़े मामले में आरोपी बनाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई में पुलिस अपने दावों को और विस्तार से रखने की तैयारी में है।

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