तालाब में डूबने से चार लड़कियों की दर्दनाक मौत: एक-दूसरे को बचाने की कोशिश में गई जान

गढ़वा जिले के हरैया गांव में शुक्रवार का दिन एक दिल दहला देने वाली घटना का गवाह बन गया, जब एक ही परिवार की चार लड़कियों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। यह हृदयविदारक हादसा गढ़वा के नदीआरा टोला में उस वक्त हुआ, जब पांच बच्चे पास के तालाब में स्नान करने गए थे। इस घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।

घटना की शुरुआत उस समय हुई जब मीठी नामक लड़की अचानक गहरे पानी में फंस गई और डूबने लगी। मीठी को बचाने की कोशिश में रोमा, लाडो और अंकिता ने एक-एक कर तालाब में छलांग लगा दी, लेकिन दुर्भाग्यवश वे सभी खुद डूब गईं। मीठी के छोटे भाई, जो उसी समय तालाब में मौजूद था, किसी तरह अपनी जान बचाकर गांव भागा और परिजनों को सूचना दी। लेकिन जब तक लोग मदद लेकर वहां पहुंचे, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।

परिजनों ने आनन-फानन में सभी को गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई:

  1. लाडो सिंह – चंदन सिंह की 10 वर्षीय पुत्री

  2. अंकिता सिंह – जितेंद्र सिंह की 22 वर्षीय पुत्री

  3. रोमा सिंह – विशिष्ट सिंह की 18 वर्षीय पुत्री, पगार (पलामू) निवासी

  4. मीठी सिंह – अभिषेक सिंह की 15 वर्षीय पुत्री, पूर्णाडीह (लेस्लीगंज) निवासी

मीठी और रोमा छठ पूजा के अवसर पर अपने रिश्तेदार के घर गढ़वा आई थीं। यह उत्सव का माहौल अचानक मातम में बदल गया। स्थानीय लोगों के अनुसार तालाब गहरा था और वहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। यह भी बताया जा रहा है कि वह तालाब स्नान के लिए उपयुक्त नहीं था, लेकिन बच्चों को इसकी जानकारी नहीं थी।

इस दुखद घटना ने न सिर्फ चार जिंदगियों को खत्म कर दिया, बल्कि एक ही परिवार की खुशियों को भी छीन लिया। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। सभी लोग स्तब्ध हैं कि एक छोटी सी लापरवाही ने कैसे चार-चार जिंदगियां निगल लीं।

प्रशासन की ओर से घटना की जांच की जा रही है और पीड़ित परिवारों को मदद का आश्वासन दिया गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तालाब के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

यह हादसा हमें एक महत्वपूर्ण सबक देता है कि बच्चों को जल स्रोतों के पास अकेले नहीं भेजना चाहिए और ऐसे स्थानों पर उचित चेतावनी बोर्ड एवं सुरक्षा उपायों की सख्त जरूरत है। एक मासूम को बचाने के चक्कर में चार जिंदगियों का यूँ खत्म हो जाना बेहद दुखद और विचलित कर देने वाला है।

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