खिताब जीत रांची लौटी झारखंड टीम का हुआ स्वागत

झारखंड की सीनियर महिला हॉकी टीम ने पहली बार सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप का खिताब जीता

खेल संवाददाता, रांची: सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप के फाइनल में हरियाणा को हराकर झारखंड की महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया। यह झारखंड के लिए पहली बार था जब उसने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया। गुरुवार को टीम ट्रॉफी के साथ रांची लौटी और एयरपोर्ट पर उनका शानदार स्वागत किया गया।

रांची एयरपोर्ट पर झारखंड की चैंपियन टीम का स्वागत करने के लिए हॉकी झारखंड और हॉकी प्रेमियों की एक बड़ी भीड़ जुटी थी। टीम की खिलाड़ियों, कोच और मैनेजर का भव्य स्वागत किया गया। एयरपोर्ट के बाहर हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह और अन्य पदाधिकारियों ने उनका स्वागत माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर किया। यह स्वागत समारोह झारखंड के हॉकी प्रेमियों के लिए एक ऐतिहासिक पल था, जो उनकी मेहनत और समर्पण को सलाम कर रहे थे।

चैंपियन टीम की इस ऐतिहासिक जीत पर हॉकी इंडिया के महासचिव और हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह ने गर्व और खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यह झारखंड के हॉकी के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। हमारी बेटियों ने अपनी कड़ी मेहनत, लगन और संघर्ष से यह जीत हासिल की है। यह जीत सिर्फ झारखंड के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।”

इस शानदार जीत के बाद टीम के सभी खिलाड़ियों की मेहनत और कड़ी ट्रेनिंग को सराहा गया। टीम के कोच और मैनेजर की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही, जिन्होंने हर खिलाड़ी को अपनी पूरी क्षमता से खेलने के लिए प्रेरित किया। टीम के कोच ने कहा, “यह जीत हमारे लिए बहुत खास है। यह जीत हमारे देश की महिला हॉकी के लिए एक नई दिशा दिखाती है।”

समारोह में हॉकी झारखंड के पदाधिकारी भोलानाथ सिंह, विजय शंकर सिंह, रजनीश कुमार, असंता लकड़ा, असरिता लकड़ा, जयंत केरकेट्टा, विश्वनाथ सिंह, प्रशांत मुखर्जी, रणधीर कुमार, पुष्पा प्रधान सहित एकलव्य हॉकी सेंटर और बरियातू हॉकी सेंटर के खिलाड़ी भी उपस्थित थे। सभी ने अपनी-अपनी टीमों को शुभकामनाएँ दी और भविष्य में और अधिक सफलता की कामना की।

यह चैंपियनशिप झारखंड की महिला हॉकी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है। झारखंड की हॉकी टीम ने न केवल राज्य का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। उनके इस संघर्ष और जीत को देख कर आने वाली पीढ़ी को भी प्रेरणा मिलेगी। यह जीत केवल खेल की सफलता नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की एक मजबूत मिसाल भी है।

अब झारखंड की महिला हॉकी टीम को भविष्य के अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में और बड़ी जीत की उम्मीदें हैं, और उनका मनोबल इस ऐतिहासिक जीत से और भी ऊंचा हुआ है।

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