वामपंथी दल 21वीं सदी में प्रवेश करेंगे, लेकिन यह केवल 22वीं सदी में ही हो सकता है: थरूर

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बुधवार को केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि वामपंथी दल एक दिन 21वीं सदी में प्रवेश करेंगे, लेकिन यह कदम 22वीं सदी में ही संभव हो सकता है। थरूर का यह बयान केरल विधानसभा द्वारा मंगलवार को पारित किए गए केरल राज्य निजी विश्वविद्यालय (स्थापना और विनियमन) विधेयक, 2025 के संदर्भ में आया।

केरल की माकपा के नेतृत्व वाली सरकार लंबे समय से शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ रही है और उसने निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ कई बार विरोध किया था। लेकिन अब राज्य सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों को स्थापित करने और उनके संचालन को नियंत्रित करने के लिए इस विधेयक को पारित किया, जो सरकार के पुराने रुख से विपरीत है।

थरूर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बदलाव वामपंथी दलों के सोचने के तरीके में एक बड़ा उलटफेर दर्शाता है। उन्होंने इसे एक प्रकार की ‘आधुनिकता’ की ओर बढ़ने की कोशिश के रूप में देखा, जिसे वामपंथी विचारधारा के तहत काफी समय से नकारा गया था।

उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि वामपंथी दलों के लिए यह बदलाव एक बहुत बड़ी चुनौती हो सकती है, क्योंकि वे हमेशा निजीकरण के खिलाफ रहे हैं, और अब सरकार का यह कदम उनके लिए एक ‘रचनात्मक विरोधाभास’ बन गया है।

यह बयान एक और संकेत है कि कैसे भारतीय राजनीति में विचारधाराओं और नीतियों में बदलाव हो रहे हैं, और इसका असर भविष्य में राजनीतिक और शैक्षिक क्षेत्र पर पड़ सकता है।

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