आज का युवा वर्ग तेजी से नशे की गिरफ्त में कारण क्या ?

फैशन बन गया है नशा

आज का युवा वर्ग तेजी से नशे की गिरफ्त में फंसता जा रहा है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण सहनशक्ति की कमी और नशे को फैशन के रूप में अपनाना है। यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिससे न केवल युवा वर्ग, बल्कि समाज भी प्रभावित हो रहा है। युवा मानसिक दबाव, भावनात्मक तनाव और समाजिक समस्याओं से जूझते हुए नशे का सहारा लेते हैं। इसे एक खतरनाक फैशन की तरह देखा जा रहा है, जो धीरे-धीरे इस वर्ग को अपनी चपेट में ले रहा है।

सहनशक्ति की कमी

आजकल के युवा को हर चीज़ तुरंत चाहिए। जब कोई लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता, या जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, तो उन्हें सहन करने की शक्ति नहीं होती। ऐसे में, वे जल्दी से हार मानकर, निराश होकर नशे की ओर रुख करते हैं। नशा उन्हें एक अस्थायी राहत देता है, जिससे वे कुछ समय के लिए अपने दुखों और समस्याओं से दूर महसूस करते हैं। लेकिन यह एक झूठा आराम होता है, जो धीरे-धीरे उनकी ज़िंदगी को बर्बाद कर देता है।

नशे को फैशन बनाना

इस समय नशा एक फैशन की तरह बन गया है, खासकर युवा वर्ग में। अगर किसी ने शराब या ड्रग्स का सेवन किया और उसे एक अच्छा अनुभव बताया, तो दूसरे लोग भी उसे अपना मानकर उसे करने लगते हैं। गलत संगत का प्रभाव इस पर बहुत ज्यादा पड़ता है। बहुत से युवा इसे आधुनिकता और शहरी जीवन का हिस्सा मानने लगे हैं। वे यह सोचते हैं कि अगर वे इन चीजों का सेवन नहीं करेंगे तो वे पिछड़े हुए या फिर पुराने विचारों के होंगे। यह मानसिकता एक बड़े संकट की ओर इशारा करती है, जो समाज को एक साथ बहुत नुकसान पहुंचा सकती है।

गलत संगत और नशे का प्रचार

आजकल के युवा जब गलत संगत में पड़ते हैं, तो वे नशे के बारे में उत्सुकता दिखाते हैं। वे दोस्तों या सोशल मीडिया के प्रभाव में आकर नशे के आदी हो जाते हैं। इसके अलावा, नशे के व्यापार में लगे लोग भी युवा वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। वे उन्हें यह समझाते हैं कि नशा उनके जीवन को खुशहाल बना सकता है, और यह एक आधुनिक जीवनशैली का हिस्सा है। लेकिन वास्तविकता इससे बहुत अलग है। नशा व्यक्ति के जीवन को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाता है, और यह उसका जीवन नष्ट कर सकता है।

माता-पिता की जिम्मेदारी

माता-पिता की भूमिका इस संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाना चाहिए और उन्हें कठिनाइयों से निपटने के तरीके सिखाने चाहिए। बच्चों को यह समझाना चाहिए कि नशा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि जीवन में हर किसी को मुश्किलें आती हैं, लेकिन इसका सामना सही तरीके से करना ही सही है। इसके अलावा, बच्चों को अच्छे साथियों का चयन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए और उन्हें सकारात्मक वातावरण में रहने के लिए मार्गदर्शन देना चाहिए।

समाज की जिम्मेदारी

समाज को भी इस समस्या के समाधान के लिए एकजुट होना चाहिए। नशे के खिलाफ जागरूकता फैलानी चाहिए और इसके दुष्प्रभावों के बारे में युवा वर्ग को बताना चाहिए। समाज के हर सदस्य को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी कि नशे को फैशन के रूप में बढ़ावा देना नहीं चाहिए। शिक्षा, परिवार और समाज का सहयोग नशे की समस्या को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

आज का युवा यदि समझदारी से कदम उठाए, तो नशे की गिरफ्त से बच सकता है और एक स्वस्थ और सफल जीवन जी सकता है।

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