निर्यात को नई रफ्तार कैबिनेट के फैसले से भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम निर्णयों को भारत की अर्थव्यवस्था के लिए “ऐतिहासिक कदम” बताया। उन्होंने कहा कि ये फैसले न केवल भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेंगे, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी गति प्रदान करेंगे।

बैठक में दो प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी दी गई — निर्यात प्रोत्साहन मिशन (Export Promotion Mission) और निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (Credit Guarantee Scheme for Exporters)। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार का उद्देश्य भारत को वैश्विक बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना और निर्यात क्षेत्र को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

निर्यात प्रोत्साहन मिशन के तहत सरकार निर्यातकों को नए बाजारों तक पहुंचने, उत्पादन गुणवत्ता बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप व्यापार को सशक्त करने में मदद करेगी। वहीं ऋण गारंटी योजना से छोटे और मध्यम निर्यातकों (MSMEs) को बैंक ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी। इससे निर्यात आधारित उद्योगों में रोजगार के अवसर भी बढ़ने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,

“भारत अब सिर्फ एक बड़ा उपभोक्ता बाजार नहीं, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक मजबूत साझेदार बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हमारे हालिया फैसले आत्मनिर्भर भारत के विज़न को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।”

 

कैबिनेट ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले महीनों में लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश बढ़ाकर निर्यात प्रक्रिया को और सरल और लागत-प्रभावी बनाया जाएगा।

आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि इन कदमों से भारत का निर्यात 2026 तक 500 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ सकता है

कैबिनेट ने निर्यात प्रोत्साहन मिशन और ऋण गारंटी योजना को मंजूरी दी।

छोटे निर्यातकों को वित्तीय सहायता और बाजार विस्तार में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने फैसले को आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़ा कदम बताया।

विशेषज्ञों के अनुसार, इससे भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा और निर्यात दोनों में वृद्धि होगी।

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