ओडिशा पुलिस ने हाल ही में ‘ऑपरेशन अन्वेषण’ नाम से एक विशेष अभियान चलाया। पुलिस का मुख्य उद्देश्य लापता बच्चों और महिलाओं को ढूंढना और सुरक्षित उनके परिवारों तक पहुँचाना।

पाँच दिनों में कुल 358 बच्चों का पता लगाया गया।लापता महिलाओं की बरामदगी: इसी अवधि में 2,059 महिलाओं को ढूंढ निकाला गया।पुलिस ने बताया कि ये सभी बच्चे और महिलाएँ अलग-अलग थानों में दर्ज गुमशुदगी मामलों से जुड़ी थीं।अभियान के लिए राज्यभर में विशेष टीमें बनाई गई थीं, जिन्होंने स्थानीय स्तर पर खोजबीन, पूछताछ और तकनीकी सहायता का उपयोग किया।इस तरह के अभियान का मकसद समाज में विश्वास बढ़ाना और गुमशुदा व्यक्तियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना है।
इस अभियान को ओडिशा पुलिस की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में गुमशुदा बच्चे और महिलाएँ पुनः अपने परिवारों से मिल पाई हैं।
ओडिशा में हर साल बड़ी संख्या में बच्चों और महिलाओं की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होती है।कई मामलों में ये लोग मानव तस्करी, मजबूरी, घरेलू विवाद, या अन्य सामाजिक कारणों से गायब हो जाते हैं।
इसी वजह से ओडिशा पुलिस ने एक राज्यव्यापी खोज अभियान चलाने का निर्णय लिया, ताकि ज्यादा से ज्यादा गुमशुदा लोगों को कम समय में ढूंढा जा सके।
अभियान 18 अगस्त से 22 अगस्त 2025 तक पाँच दिनों तक चला।इसमें राज्य के सभी जिलों की पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग, और विभिन्न एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स ने मिलकर काम किया।पुलिस ने सोशल मीडिया, तकनीकी ट्रैकिंग, सीसीटीवी फुटेज, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर निगरानी का सहारा लिया।2,059 महिलाओं को खोज निकाला गया, जिनमें से कुछ मानव तस्करी गिरोहों और अवैध कामकाज से भी मुक्त कराई गईं।कुल 358 बच्चे बरामद किए गए। इनमें से कई छोटे बच्चे ऐसे थे जो लंबे समय से लापता थे।कई महिलाएँ और बच्चे अपने परिवारों से पुनर्मिलन कर पाए।
पुलिस ने यह भी बताया कि कुछ मामलों में कानूनी कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

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