रिलायंस डिफेंस और जर्मनी की किसी प्रमुख डिफेंस कंपनी के बीच साझेदारी से जुड़ी है, जो भारत में रक्षा उत्पादन को नया आकार देने के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है।

Reliance Defence और जर्मनी की कंपनी “ThyssenKrupp Marine Systems” (TKMS) के बीच हुए करार की बात कर रहे हैं, जो भारत में सबमरीन निर्माण (पनडुब्बी निर्माण) से जुड़ा है। यह डील भारत की मेक-इन-इंडिया (Make in India) और आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) पहल के तहत डिफेंस सेक्टर में विदेशी तकनीक के साथ साझेदारी का उदाहरण है।

रिलायंस डिफेंस, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की एक यूनिट है जो सैन्य उपकरणों और रक्षा प्रणालियों के निर्माण में सक्रिय है।जर्मनी की कंपनियाँ, जैसे TKMS, विश्व में अत्याधुनिक सबमरीन और मरीन टेक्नोलॉजी के लिए जानी जाती हैं।इस साझेदारी का उद्देश्य भारत में उन्नत युद्धपोतों और पनडुब्बियों का निर्माण करना है, जिससे भारत को रणनीतिक आत्मनिर्भरता मिले।इस करार से भारत में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (Technology Transfer) भी हो सकता है, जिससे घरेलू तकनीकी क्षमता बढ़ेगी।
भारत के डिफेंस उत्‍पादन नजरिए को नया आकार देने वाले एक कदम में रिलायंस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर (Reliance Infra) की सहायक कंपनी रिलायंस डिफेंस है।10 जून को इस डील का ऐलान हुआ है, जो भारत को ड‍िफेंस में आत्‍मनिर्भर बनाने में एक महत्‍वपूर्ण कदम है. वल्केनो 155 मिमी सिस्‍टम कोई साधारण गोला नहीं है..

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