ओडिशा: महाशिवरात्रि के अवसर पर भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर में बड़ी संख्या में बाबा के भक्त पहुंच

  • द मीडिया टाइम्स 

महाशिवरात्रि का पर्व भारत भर में धूमधाम से मनाया जाता है, और ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित लिंगराज मंदिर में इस पर्व का विशेष महत्व है। यह मंदिर ओडिशा के सबसे प्रमुख और ऐतिहासिक शिव मंदिरों में से एक है। हर साल महाशिवरात्रि के दिन यहां भक्तों की बड़ी संख्या उमड़ती है। इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के अवसर पर लिंगराज मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।

महाशिवरात्रि का पर्व शिवभक्तों के लिए एक खास दिन होता है, जब वे शिवजी की पूजा-अर्चना करके अपनी श्रद्धा और भक्ति अर्पित करते हैं। इस दिन भक्त दिनभर उपवासी रहते हैं और रात्रि को शिवलिंग का रात्रि जागरण करते हैं। भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा और आरती का आयोजन किया जाता है, जो भक्तों को अत्यधिक आकर्षित करता है।

लिंगराज मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह मंदिर कांची कैलाश के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां शिव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी की जाती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर परिसर को खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है और हर ओर शिव भक्ति के गीत गूंजते हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है ताकि वे सुगमता से दर्शन कर सकें।

इस दिन यहां आने वाले भक्तों का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की आराधना करना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किए थे ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। भक्तों के लिए ताजा जल, प्रसाद और पूजा सामग्री का वितरण किया गया, जिससे उनका अनुभव और भी आध्यात्मिक हो सके।

भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। कई श्रद्धालु दूर-दूर से पैदल ही यात्रा कर यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं। इसके अलावा, मंदिर के आस-पास स्थित विभिन्न स्थानों पर भी महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यहां विभिन्न धर्मगुरु और साधु संत भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं और शिव पूजा के महत्व को बताते हैं।

इस वर्ष, कोविड-19 महामारी के कारण कुछ समय तक मंदिरों में प्रतिबंध था, लेकिन अब स्थिति सामान्य होने पर भक्तों का आना-जाना फिर से शुरू हो चुका है। महाशिवरात्रि के इस अवसर पर, भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है। हर कोई अपने मन की मुरादें पूरी करने और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और श्रद्धा से इस विशेष दिन को मनाता है।

महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर में एक अद्भुत आध्यात्मिक माहौल बन गया था, जो भक्तों के लिए जीवनभर का एक अविस्मरणीय अनुभव बनकर रहेगा।

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