पुणे रियल एस्टेट में इनकम टैक्स की बड़ी कार्रवाई: शीर्ष डेवलपर प्रमोद रांका पर शिकंजा

पुणे के रियल एस्टेट सेक्टर में आज सुबह से हलचल मच गई है। आयकर विभाग ने शहर के बड़े रियल एस्टेट कारोबारी प्रमोद रांका और उनसे जुड़े ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई टैक्स चोरी और बेहिसाब संपत्ति के शक के आधार पर की गई है।

जानकारी के अनुसार, पुणे के अलग-अलग इलाकों में रांका समूह से जुड़े 10 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग की टीमें पहुंचीं। छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में अधिकारी और पुलिस बल मौजूद रहे। विभाग के सूत्रों का कहना है कि उन्हें प्रमोद रांका और उनके सहयोगियों के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं।

अधिकारियों ने रांका समूह के दफ्तरों और चल रहे प्रोजेक्ट साइट्स पर मौजूद दस्तावेज़ जब्त किए हैं। साथ ही कंप्यूटर, लैपटॉप और हार्ड डिस्क की भी जांच की जा रही है ताकि वित्तीय लेन-देन से जुड़ी जानकारियां जुटाई जा सकें।

करोड़ों के लेन-देन पर शक

इनकम टैक्स विभाग को संदेह है कि रांका समूह ने अपने प्रोजेक्ट्स में काले धन का निवेश किया है और बड़ी मात्रा में कैश ट्रांजैक्शन छिपाए गए हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह मामला सैकड़ों करोड़ रुपये के लेन-देन से जुड़ा हो सकता है।

उद्योग जगत में हलचल

पुणे का रियल एस्टेट सेक्टर देशभर में तेजी से बढ़ रहा है और प्रमोद रांका इस उद्योग के प्रमुख चेहरों में से एक माने जाते हैं। छापेमारी की खबर फैलते ही अन्य बिल्डर्स और निवेशकों में चिंता का माहौल है। कई उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई आने वाले समय में पूरे सेक्टर पर गहरा असर डाल सकती है।

अब तक आयकर विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि छापेमारी से प्राप्त दस्तावेजों की जांच के बाद ही विभाग आगे की कार्रवाई करेगा।

क्या कहता है कानून?

आयकर अधिनियम के तहत, यदि किसी व्यक्ति या समूह पर टैक्स चोरी का संदेह होता है, तो विभाग उसके ठिकानों पर छापा मार सकता है। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो उस पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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