इंदौर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित मशहूर गुलावट गांव लोटस वैली के नाम से जाना जाता है. यह लोटस वैली 300 एकड़ में फैली है जिसमें करीब 300 किसान कमल की खेती करते हैं.

मई-जून में जब इस क्षेत्र में पानी नहीं होता है, तब कमल के बीज रोपे जाते हैं और यहां से निकलने वाले फूल इंदौर शहर के साथ-साथ दिल्ली-मुंबई तक सप्लाई किए जाते हैं.

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की गुलावट लोटस वैली देश दुनिया के पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा जगह बनती जा रही है। इंदौर शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर गुलावट गांव में यशवंत सागर डेम के बैक वाटर से प्राकृतिक झील के रूप में बनी है.

ऐसा नजारा शायद ही दुनिया में कही और देखने को मिले. यहां आप घुड़सवारी, बोटिंग, साइकिलिंग, ओपन जीप में साइट व्यू के अलावा कई धार्मिक स्थलों के दर्शन का भी लाभ उठा सकते हैं.

लोटस वैली कहे जाने वाले गांव में सनसेट कन्याकुमारी और गोवा जैसा ही है. यहां पर साउथ अफ्रीका और आसाम के जंगलों जैसे जंगल हैं. बड़े बड़े बांस के पेड़ों के पीछे से जब सूर्य की किरणें दिखती हैं तो वो नज़ारा देखने लायक होता है.

यहां पास में ही बिजासन माता मंदिर, गोमटगिरि दिगंबर जैन मंदिर और पितृ पर्वत भी मौजूद है. लोटस वैली (Lotus Valley) को देखने सबसे अच्छा वक्त मार्च से दिसंबर के बीच का है.

बांसों की लंबाई बहुत ज्यादा होने के कारण ये ऊपर से झुक कर आपस में मिल गए हैं. इससे इनकी खूबसूरती और बढ़ जाती है. लोग लोटस वैली पर वीक एंड ट्रिप प्लान के साथ फोटो शूट और प्री वेडिंग शूट करने आते हैं.

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