सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (SPPU) ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर चल रहे अपने प्रतिष्ठित संयुक्त शोध कार्यक्रम के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। अब इच्छुक शिक्षाविद एवं शोधकर्ता 14 नवम्बर 2025 तक आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। पहले यह तिथि 31 अक्टूबर तय थी, लेकिन शोध-समुदाय की मांग पर इसे बढ़ाया गया है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत ISRO की प्राथमिकताओं से जुड़े क्षेत्रों में शोध प्रस्ताव स्वीकार किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:
सैटेलाइट सिस्टम और डिज़ाइनलॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी स्पेस कम्युनिकेशन एवं नेविगेशनरिमोट सेंसिंग एवं भू-स्थानिक तकनीकअंतरिक्ष विज्ञान एवं ग्रह विज्ञानग्राउंड-बेस्ड सपोर्ट टेक्नोलॉजीस्पेस मटेरियल्स और एडवांस्ड मटेरियल्स रिसर्चकंप्यूटेशनल मॉडलिंग और AI आधारित अंतरिक्ष अनुप्रयोग
इन विषयों में शोध से ना केवल ISRO की परियोजनाओं को मजबूती मिलेगी, बल्कि शोधकर्ताओं को भी अंतरिक्ष-विज्ञान में अपने करियर को आगे बढ़ाने का अवसर प्राप्त होगा।
यह संयुक्त शोध कार्यक्रम देश के वैज्ञानिक अनुसंधान क्षेत्र में SPPU के महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य भारत के अंतरिक्ष मिशनों को सहयोग देना और विश्वविद्यालय-स्तर पर उन्नत शोध को प्रोत्साहित करना है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश में उच्चस्तरीय वैज्ञानिक वातावरण तैयार करना और अंतरिक्ष-अनुसंधान में योगदान देने वाले विद्वानों को आगे बढ़ाना है। अंतिम तिथि बढ़ाने का उद्देश्य अधिक से अधिक योग्य शोधकर्ताओं को अवसर देना है।

The Media Times – Unfiltered. Unbiased. Unstoppable.
The Media Times stands as a pillar of fearless journalism, committed to delivering raw, unfiltered, and unbiased news. In a world saturated with noise, we cut through the clutter, bringing facts to the forefront without agenda or compromise.From hard-hitting investigative reports to thought-provoking analysis, we cover politics, healthcare, business, technology, entertainment and global affairs with an unwavering commitment to truth. Our team of dedicated journalists and experts works relentlessly to challenge narratives, expose realities, and hold power accountable.At The Media Times, we don’t just report the news—we shape conversations, spark change, and empower the public with knowledge.