पुणे में 17 अगस्त को होगा 9वां वार्षिक ‘श्री उवसग्गहरं स्तोत्र’ सामूहिक पाठ

पुणे में आगामी 17 अगस्त को 9वां वार्षिक श्री उवसग्गहरं स्तोत्र सामूहिक पाठ आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन समाज के श्रद्धालु एकत्र होकर इस पावन स्तोत्र का पाठ करेंगे। आयोजन का उद्देश्य समाज में शांति, सद्भाव और आध्यात्मिक जागरण को बढ़ावा देना है।
आयोजकों के अनुसार, यह सामूहिक पाठ सुबह विशेष पूजा-अर्चना के साथ शुरू होगा और पूरे दिन धार्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला चलेगी। बच्चों और युवाओं के लिए भी विशेष सत्र रखे जाएंगे, ताकि आने वाली पीढ़ी में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण हो सके।
9वां वार्षिक श्री उवसग्गहरं स्तोत्र सामूहिक पाठ” कार्यक्रम के बारे में अधिक व्यापक, पुष्ट जानकारी प्रस्तुत करते हैं—विशेषकर, क्योंकि आपके द्वारा बताए गए “17 अगस्त” की तारीख की पुष्टि फिलहाल किसी समाचार स्रोत में उपलब्ध नहीं है। हाल ही में प्रकाशित एक स्रोत में 12 अगस्त 2025 की तारीख से इसी कार्यक्रम का उल्लेख पाया गया है, जो संभवतः 9वीं वर्षगांठ का आयोजन हो सकता है ।
उवसग्गहरं स्तोत्र जैन धर्म में पार्श्वनाथ तीर्थंकर को समर्पित एक आदरणीय स्तोत्र है, जिसे भद्रबाहु ने 4वीं–3री शताब्दी ईसा पूर्व में रचित माना जाता है ।
इसे “महामंगलकारी स्तोत्र” माना जाता है। इसके नियमित पाठ से ऐसी आस्था है कि दृष्टग्रह, रोग, शत्रुता जैसी सांसारिक दुख-पीड़ाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है ।अक्सर इस कार्यक्रम का आयोजन आर.एम.डी. फाउंडेशन द्वारा पुणे के बिबवेवाड़ी स्थित श्रीमान रसिकलालजी एम. धारीवाल स्थानक भवन (यश लॉन्स) में किया जाता है ।
25 अगस्त 2024 (8वाँ वर्ष)शाम 4 बजे से 5 बजे तक हुआ।इसमें आचार्य पद्मश्री चंदनाजी म. सा. और पू. श्री सुप्रियदर्शनजी म. सा. (आदीठाणा–5) की उपस्थिति थी।आयोजन की अध्यक्षता जान्हवी धारीवाल बालन और उपाध्यक्ष शोभाताई रसिकलालजी धारीवाल ने की थी ।पुरुषों के लिए सफेद और महिलाओं के लिए केसरी वस्त्र पहनना अनिवार्य था ।
आयोजन का उद्देश्य धार्मिक ऊर्जा और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना था, साथ ही महाप्रसाद की व्यवस्था भी रही ।

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