भारत को यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता “आक्रामक रूप से” करना चाहिए: अरविंद पनगड़िया

नई दिल्ली, 8 अगस्त: 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने शुक्रवार को कहा कि भारत को यूरोपीय संघ (EU) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को “आक्रामक रूप से” आगे बढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही भूमि और श्रम बाजार में सुधार करने और अनावश्यक नियमों को कम करने की आवश्यकता है, जिससे देश की आर्थिक विकास दर को और गति मिल सके।

उन्होंने यह बात ‘इंडिया@100’ बिजनेस टुडे इवेंट के दौरान कही। पनगड़िया ने बताया कि वर्तमान वैश्विक व्यापारिक हालात में, जहां निर्यात पर ऊंचे शुल्क लग रहे हैं और संरक्षणवाद बढ़ रहा है, भारत के पास एक सुनहरा अवसर है अपनी नीतियों को सुधारने और वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने का।

पनगड़िया ने कहा, “इस अहम मोड़ पर हमें यूरोपीय संघ के साथ एफटीए को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाना चाहिए। यह बहुत जरूरी है। जब एक बाजार हमारे लिए संकुचित हो रहा है, तो हमें दूसरा बाजार और अधिक खोलने की जरूरत है।”

उन्होंने यह भी जोर दिया कि केवल व्यापार समझौते काफी नहीं होंगे। भारत को अपने श्रम और भूमि बाजार में सुधार करने की भी आवश्यकता है ताकि निवेश को आकर्षित किया जा सके और रोजगार के नए अवसर सृजित हों।

पनगड़िया के अनुसार, यदि भारत इन आवश्यक सुधारों को अपनाता है और वैश्विक साझेदारों के साथ मजबूत व्यापार संबंध स्थापित करता है, तो “इंडिया@2047” का सपना, यानी एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य, साकार किया जा सकता है।

यह वक्त भारत के लिए निर्णायक है और सुधारों के जरिये वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का अवसर है।

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