एनपीपी सरकार के तहत लंका के राजपक्षे परिवार के पहले सदस्य की भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तारी

कोलंबो: श्रीलंका की वर्तमान एनपीपी सरकार के तहत पहली बार शक्तिशाली राजपक्षे राजनीतिक परिवार के सदस्य शशेंद्र राजपक्षे को बुधवार को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी देश में राजनीतिक परिवारों के खिलाफ चलाए जा रहे कड़े एंटी-गफ्ट अभियान का हिस्सा है।

शशेंद्र राजपक्षे पर देश के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में सरकारी भूमि के गलत उपयोग और हेरफेर का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी संपत्ति पर अवैध निर्माण किया और अपनी राजनीतिक सत्ता का दुरुपयोग करके कई मामलों में अनियमितताएं कीं।

मामला मई 2022 के एक घटनाक्रम से जुड़ा है, जब सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन हुए थे। उस समय एक आगजनी की घटना हुई थी और भूमि के मालिक होने के बावजूद अधिकारियों ने मुआवजा देने में हिचकिचाहट दिखाई थी। हालांकि, शशेंद्र ने अपने राजनीतिक अधिकार का इस्तेमाल करके मुआवजा दिलवाया, जिससे विवाद और बढ़ गया।

शशेंद्र की गिरफ्तारी एनपीपी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त नीति को दर्शाती है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी राजनीतिक प्रभाव या परिवार की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखे बिना सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करेगी।

अधिकारियों ने बताया कि राजपक्षे परिवार की संपत्तियों और राजनीतिक गतिविधियों की जांच जारी है और आने वाले समय में और भी कदम उठाए जा सकते हैं। शशेंद्र की गिरफ्तारी ने देश में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी ध्यान आकर्षित किया है। इससे यह संदेश गया है कि सरकार सार्वजनिक पद पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से राजनीतिक परिवारों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामलों में नए युग की शुरुआत हो सकती है और भविष्य में सरकार इस दिशा में और कदम उठाएगी। इस घटना ने श्रीलंका की राजनीति में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर नई बहस छेड़ दी है।

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