दिल्ली पुलिस की घोर लापरवाही: रूसी महिला की भारत से फरारी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

दिल्ली पुलिस की लापरवाही एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने एक बेहद संवेदनशील मामले में दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर टिप्पणी की है। मामला एक रूसी महिला से जुड़ा है जो अपने नाबालिग बच्चे को लेकर भारत आई थी और यहां अपने भारतीय पति के साथ बच्चे की अभिरक्षा को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रही थी। न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के बावजूद, वह महिला नेपाल की सीमा पार कर अवैध तरीके से भारत छोड़ने में सफल रही।

सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना को पुलिस की घोर चूक बताया और कहा कि यदि दिल्ली पुलिस सतर्क रहती, तो यह गैरकानूनी पलायन नहीं होता। यह न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है, बल्कि भारत की न्यायिक प्रक्रिया के प्रति अवमानना भी है। कोर्ट ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह तत्काल मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करे और नाबालिग की भारत वापसी सुनिश्चित करे।

यह मामला यह भी दर्शाता है कि सीमा सुरक्षा और विदेशी नागरिकों की निगरानी के मामले में हमारे तंत्र में कितनी खामियाँ हैं। एक ऐसी महिला, जिसके खिलाफ मामला विचाराधीन था, वह बिना किसी वैध दस्तावेज के देश छोड़कर चली जाती है — यह कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

इस घटना ने साबित कर दिया है कि केवल कानूनी आदेश देना काफी नहीं है, जब तक कि उन्हें लागू करने वाली संस्थाएँ अपनी ज़िम्मेदारी को गंभीरता से नहीं निभातीं। अब यह देखना बाकी है कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या ऐसे मामलों से भविष्य में सबक लिया जाएगा।

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