AAP ने औपचारिक रूप से INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया है।

AAP ने औपचारिक रूप से INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया है। AAP नेता संजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि यह गठबंधन सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव तक था, अब वह संसद में स्वतंत्र रूप से सरकार की आलोचना करेंगे, लेकिन जरूरत पड़ने पर अन्य विपक्षी दलों का समर्थन लेने और देने को तैयार हैं ।कांग्रेस ने 19 जुलाई को रणनीतिक बैठक बुला रखी है, लेकिन AAP ने इसमें हिस्सा नहीं लिया ।TMC भी बैठक से दूरी बनाएगी, जिससे INDIA ब्लॉक की एकजुटता पर सवाल खड़े हो रहे हैं ।AAP ने संसद में “bulldozer politics” और अन्य विवादितों पर सवाल खड़े करने की तैयारियाँ की हैं ।

अगर AAP पूरे जोर से मुद्दे उठाती है, तो वह विपक्षी कोशाकरूप में प्रभावी भूमिका निभा सकती है।AAP कह रही है कि विधानसभा चुनावों में अकेली लड़ाई होंगी, लेकिन संसद में रणनीतिक सहयोग होगा । इसका मतलब है कि विपक्ष की रणनीति जगह-जगह और मुद्दा-दर-मुद्दा बदलती रहेगी, और पूर्ण गठबंधन की स्थिति नहीं बन पाएगी।AAP का गुटबंदी से बाहर निकलना सिग्नल है कि इंडिया ब्लॉक आगामी सत्रों में कमजोर दिखाई दे सकता है।संसदीय मामलों में एकजुट विपक्ष सरकार को घेरने में कमजोर दिखाई दे सकता है और चर्चा में समर्थ भूमिका निभाने में कठिन होगा।AAP का INDIA गठबंधन से अलग होना विपक्ष की सरणीबद्ध ताकत को कमजोर कर सकता है। हालांकि, अगर AAP संसद में नियमित और मुद्दे-आधारित सहयोग जारी रखती है, तो वह विपक्ष की आवाज में स्वतंत्र मुद्रा में मजबूती ला सकती है। लेकिन व्यापक गठबंधन की कमी विपक्ष की रणनीति में सामूहिक दबाव की कमी पैदा कर सकती है, खासकर मॉनसून सत्र (21 जुलाई से) में वह असर दिखाई देगा।मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले ये दृश्य साफ हो जाएगा—क्या विपक्ष सरकार को चुनौतियों में घेर पाएगा या फिर विभाजित विरोध ही रहेगा।

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