भारत और रूस मिलकर बनाएंगे ब्रह्मोस का हाइपरसोनिक वेरिएंट, दुनिया की सबसे तेज मिसाइल होगी तैयार

भारत और रूस ने दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को अब एक और उन्नत रूप देने की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही दोनों देश मिलकर ब्रह्मोस हाइपरसोनिक मिसाइल पर काम शुरू करने जा रहे हैं, जिसकी रफ्तार और मारक क्षमता दोनों ही अत्याधुनिक होंगी।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल पहले ही विश्व में अपनी सटीकता, गति और शक्ति के लिए मशहूर है। कुछ चुनिंदा आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम ही इसे रोक पाने में सक्षम हैं। अब इसका हाइपरसोनिक वर्जन इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इसकी गति Mach 8 से Mach 9 तक होने की संभावना है — यानी यह ध्वनि की गति से 8 से 9 गुना तेज, लगभग 11,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हमला कर सकेगी।

ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व महानिदेशक अतुल राणे ने रशिया टुडे को बताया कि ब्रह्मोस हाइपरसोनिक वर्जन को लेकर तकनीकी काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा, “भारत और रूस दोनों इस परियोजना में पूरी गंभीरता से जुट चुके हैं।”

ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदियों को जोड़कर रखा गया है। इस संयुक्त परियोजना में भारत की DRDO की 50.50% हिस्सेदारी है, जबकि रूसी कंपनी की 49.50% हिस्सेदारी है।

इस हाइपरसोनिक वर्जन की रेंज 1500 किलोमीटर से अधिक होगी, जिससे पाकिस्तान और चीन के बड़े इलाके इसकी जद में आ जाएंगे।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस ने अपनी ताकत पहले ही दिखा दी है। अब इसका हाइपरसोनिक रूप आने वाले वर्षों में भारत की सैन्य क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।

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