डीएमके सांसद संसद में उठाएंगे तमिलनाडु के आर्थिक, भाषिक और शैक्षणिक अधिकारों का मुद्दा

द मीडिया टाइम्स डेस्क 

चेन्नई (18 जुलाई): द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि उसके सांसद आगामी संसद के मानसून सत्र में तमिलनाडु के आर्थिक, भाषिक, शैक्षणिक और संघीय अधिकारों से जुड़े अहम मुद्दों को मजबूती से उठाएंगे।

पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों से वह तमिलनाडु की उपेक्षा कर रही है और तमिल संस्कृति पर “सांस्कृतिक अतिक्रमण” करने की कोशिश कर रही है। इस संबंध में डीएमके सांसद संसद के दोनों सदनों में तमिल जनता की भावनाओं को एकजुट और स्पष्ट रूप से प्रकट करेंगे।

डीएमके की ओर से जारी बयान में कहा गया, “पार्टी के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के मार्गदर्शन में सभी सांसद संसद में इन मुद्दों को एक स्वर में उठाएंगे।”

पार्टी ने यह भी कहा कि यह केवल आर्थिक अधिकारों की बात नहीं है, बल्कि यह तमिल भाषा की पहचान, राज्य की शैक्षणिक स्वायत्तता और संघीय ढांचे की रक्षा से भी जुड़ा मामला है। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप को लेकर पार्टी पहले से ही विरोध जताती रही है।

तमिलनाडु में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET) जैसे केंद्र के शैक्षणिक निर्णयों को लेकर काफी असंतोष है। डीएमके ने हमेशा राज्य की शिक्षा नीति और स्थानीय भाषा को प्राथमिकता देने की मांग की है। ऐसे में संसद के इस सत्र में डीएमके सांसदों की ओर से इन विषयों पर केंद्र सरकार को घेरने की पूरी तैयारी है

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