न्यूज़ीलैंड ने 23 जून 2025 से भारत को अपनी LQEA (List of Qualifications Exempt from Assessment) यानी “मूल्यांकन-मुक्त योग्यताएं सूची” में शामिल किया।

न्यूज़ीलैंड ने 23 जून 2025 से एक बड़ी घोषणा की है: भारत को अपनी LQEA (List of Qualifications Exempt from Assessment) यानी “मूल्यांकन-मुक्त योग्यताएं सूची” में शामिल कर लिया गया है। इसका मतलब है कि अब भारत के स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री‑होल्डर्स को New Zealand में वर्क, स्टडी, और माइग्रेशन वीज़ा के लिए International Qualification Assessment (IQA) कराकर समय और पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी।
Skilled Migrant Category (SMC) वीज़ा में तेज़ीGreen List occupations (जैसे इंजीनियरिंग, आईटी, हेल्थकेयर) में सीधे आवेदनAccredited Employer Work Visa (AEWV) और Post‑Study Work वीज़ा का सीधा और सरल मार्गइससे वीज़ा‑प्रक्रिया तेज़, कम खर्चीली और अधिक पारदर्शी हो जाएगी ।
भारत के साथ-साथ फ्रांस, जर्मनी, इटली, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, स्वीडन और स्विट्ज़रलैंड को भी LQEA में जोड़ा गया है । इसके पीछे के कारण हैं:
भारत की शिक्षा प्रणाली और विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलना।न्यूज़ीलैंड की दुनिया भर में प्रतिभा आकर्षित करने की नीतिGlobal talent competition में भयंकर तेज़ी — ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, UK आदि पर दवाब ।
भारतीय छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए क्या खास?

1. बढ़ी संभावनाएं – करीब 22,000 भारतीय छात्रों ने हाल के वर्षों में न्यूज़ीलैंड में पढ़ाई की है ।
2. स्कॉलरशिप ऑफर – “New Zealand Excellence Awards 2025” में NZ$260,000 का फंड, प्रति छात्र NZ$20,000 तक की स्कॉलरशिप ।
3. Post‑study work परमिट – ग्रेजुएट्स को 3 साल तक काम करने की अनुमति ।
फायदे: IQA की आवश्यकता समाप्त, वीज़ा अप्लिकेशन में तेजी और लागत में कटौतीलक्षित श्रेणियाँ: Skilled Migrant, Green List, AEWV, Post‑Study वीज़ालक्ष्य: भारतीय प्रतिभा को आकर्षित करना और ग्लोबल एजुकेशन‑वर्क बाज़ार मेंप्रतिस्पर्धा बढ़ाना।

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