येरवड़ा स्कूल के बाहर कचरे का ढेर बना स्वास्थ्य संकट, PMC के खोखले दावों की खुली पोल

पुणे के येरवड़ा इलाके में स्थित एक सरकारी स्कूल के बाहर दिनोंदिन बढ़ता कचरे का ढेर स्थानीय नागरिकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट बन गया है। स्कूल के गेट के पास फैला यह गंदगी का अंबार न केवल बदबू फैला रहा है, बल्कि मच्छरों और अन्य बीमारियों को भी न्योता दे रहा है।

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुणे महानगरपालिका (PMC) ने स्वच्छता को लेकर कई वादे किए थे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। स्कूल प्रबंधन और स्थानीय नागरिकों ने कई बार शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिले है।स्कूल के बाहर नियमित रूप से कचरा डंप किया जा रहा है।बदबू और संक्रमण की आशंका से बच्चों की पढ़ाई पर असर।स्थानीय लोगों में नाराजगी, PMC के खिलाफ बढ़ता आक्रोश।एक अभिभावक ने कहा, “हम अपने बच्चों को रोज़ इस गंदगी से गुजरते हुए स्कूल भेजते हैं। ये सिर्फ गंदगी नहीं, प्रशासन की लापरवाही का प्रतीक है।”
अब सवाल यह उठता है कि स्वच्छ भारत अभियान और स्मार्ट सिटी योजना के तहत पुणे जैसे विकसित शहर में ऐसी स्थिति क्यों बनी हुई है? क्या PMC सिर्फ योजनाओं का प्रचार करने में व्यस्त है, या वास्तव में जमीनी स्तर पर कोई काम भी कर रही है?
स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करेंगे और निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

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