ऋषभ पंत का इंग्लैंड में धमाकेदार प्रदर्शन एक ऐतिहासिक पारी।

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में एक ऐसी पारी खेली, जिसने उन्हें भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक अलग ही मुकाम पर पहुंचा दिया है। पंत की बल्लेबाज़ी ने न केवल टीम इंडिया को संकट से उबारा, बल्कि उन्होंने ऐसा रिकॉर्ड भी बना दिया जो आज तक कोई भी भारतीय बल्लेबाज़ इंग्लैंड में नहीं बना पाया था।तेज़ शतक का रिकॉर्ड – सिर्फ़ 89 गेंदों में शतकऋषभ पंत ने केवल 89 गेंदों में अपना शतक पूरा किया, जो इंग्लैंड की धरती पर किसी भी भारतीय विकेटकीपर द्वारा बनाया गया सबसे तेज़ टेस्ट शतक है। उन्होंने यह कारनामा 2022 में बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर किया था, जब भारत की शुरुआत बेहद खराब रही थी।उन्होंने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 222 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की।इस कठिन समय में पंत ने मैदान पर उतरते ही आक्रामक रवैया अपनाया।उन्होंने जॉनी बेयरस्टो और जो रूट जैसे इंग्लिश बल्लेबाज़ों की पारी को भी पीछे छोड़ दिया।

भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया है जो अब तक कोई भारतीय बल्लेबाज़ नहीं बना पाया था। उन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ शतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बनने का गौराव।यह शतक इंग्लैंड की धरती पर किसी भी भारतीय विकेटकीपर द्वारा सबसे तेज़ शतक है।पंत ने इस पारी में आक्रामक बल्लेबाज़ी करते हुए इंग्लिश गेंदबाज़ों की जमकर धुनाई की और टीम को मुश्किल स्थिति से निकालकर सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।ऋषभ पंत इंग्लैंड में तीन शतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज़ भी बन गए हैं।उन्होंने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका — तीनों देशों में टेस्ट शतक जड़ने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है।इंग्लैंड की पिचें परंपरागत रूप से तेज़ गेंदबाज़ों की मददगार मानी जाती हैं, जहां विदेशी बल्लेबाज़ों के लिए रन बनाना चुनौतीपूर्ण होता है।पंत की यह पारी न सिर्फ़ तेज़ थी, बल्कि परिस्थिति के लिहाज़ से भी बेहद अहम थी, जब भारत का टॉप ऑर्डर लड़खड़ा चुका था।
इस प्रदर्शन ने एक बार फिर दिखा दिया कि ऋषभ पंत न केवल भविष्य के भारतीय क्रिकेट की धुरी हैं, बल्कि वह विदेशी धरती पर भी मैच विनर बनने की काबिलियत रखते हैं।
ऋषभ पंत की इस पारी ने यह साबित कर दिया कि वे न केवल भविष्य के भारतीय कप्तान बनने की क्षमता रखते हैं, बल्कि विदेशी धरती पर मैच जिताने वाले खिलाड़ी भी हैं। उनकी शैली, आक्रामकता और आत्मविश्वास ने उन्हें एक नई ऊँचाई तक।

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